इन 57 केवी में से 20 ऐसे जिलों में खोले जाने का प्रस्ताव है, जहां अभी कोई केवी नहीं है। जबकि, इन इलाकों में केंद्रीय कर्मचारियों की काफी संख्या मौजूद है।
इसके अलावा, आकांक्षी जिलों में 14 केवी, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में 4 केवी तथा पूर्वोत्तर/पहाड़ी क्षेत्रों में 5 केवी खोले जाने का प्रस्ताव है।
दिसंबर 2024 में दी गई 85 केंद्रीय विद्यालयों की मंजूरी के क्रम में, उन राज्यों को प्राथमिकता देते हुए 57 नए केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी दी गई है, जिन्हें मार्च 2019 से कवर नहीं किया गया था।
सीसीईए ने गृह मंत्रालय द्वारा प्रायोजित सात केवी और शेष 50 केवी को राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा प्रायोजित करने की मंजूरी दी।
इस परियोजना को लागू करने के लिए प्रशासनिक ढांचे में लगभग 1,520 छात्रों की क्षमता वाले एक पूर्ण विकसित केवी को चलाने के मानदंडों के अनुसार पदों का सृजन शामिल होगा। इसलिए, सीसीईए के अनुसार 86,640 छात्रों को इसका लाभ होगा।
एक पूर्ण विकसित केवी (बालवाटिका से कक्षा 12 तक) में 81 लोगों को रोजगार मिलता है और इस प्रकार, 57 नए केवी को मंजूरी मिलने से कुल 4,617 प्रत्यक्ष स्थायी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
सभी केवी में विभिन्न सुविधाओं को बढ़ाने से संबंधित निर्माण और संबंधित गतिविधियों से कई कुशल और अकुशल श्रमिकों को रोजगार मिलने की संभावना है।
सरकार ने नवंबर 1962 में केवी योजना को मंजूरी दी थी, ताकि देश भर में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने के लिए समान स्तर की शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
वर्तमान में 1,288 केंद्रीय विद्यालय मौजूद हैं, जिनमें से 3 मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में हैं। 30 जून तक नामांकित छात्रों की कुल संख्या 13.62 लाख दर्ज की गई है।
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