एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में पहली बार माना कि कोविशील्ड वैक्सीन दुर्लभ मामलों में मानव शरीर पर दुष्प्रभाव डाल सकती है। यह वैक्सीन भारत में एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई थी।भारत में बनी इस वैक्सीन की सप्लाई सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी की गई| एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे के बाद बच्ची के माता-पिता ने सीरम इंस्टीट्यूट के खिलाफ कोर्ट जाने का फैसला किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की रितिका श्री ओमत्री (उम्र 18 वर्ष) को मई 2021 में कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक मिली। उस समय उन्होंने सिर्फ 12वीं की परीक्षा पास की थी और आर्किटेक्चर की पढ़ाई शुरू कर दी थी। लेकिन टीका लेने के सात दिनों के भीतर उसे बुखार हो गया। उल्टी और कमजोरी के कारण वह चल भी नहीं पा रही थी। रितिका को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उनकी एमआरआई रिपोर्ट ली गई| जिसमें उसके सिर में खून के थक्के पाए गए| सिर में खून बहने के कारण दो हफ्ते के अंदर रितिका की मौत हो गई|
इस घटना से रितिका के माता-पिता सदमे में थे, लेकिन उन्हें भी उस समय मौत का कारण नहीं पता था। लेकिन उन्होंने उसकी मौत के कारणों की जांच के लिए सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करने का फैसला किया। दिसंबर 2021 में, उन्हें पता चला कि रितिका थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (टीटीएस) के साथ थ्रोम्बोसिस से पीड़ित थी। उसके माता-पिता को पता चला कि टीके की प्रतिकूल प्रतिक्रिया के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
गौरतलब है कि ऐसी ही एक और घटना की ओर इशारा किया है|जुलाई 2021 में वेणुगोपाल गोविंदन की बेटी करुणा की वैक्सीन लेने के एक महीने बाद मृत्यु हो गई। क्या वैक्सीन की वजह से हुई करुणा की मौत? उस समय उनसे कहा गया था कि इसकी जांच के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अब इन दोनों बच्चियों के माता-पिता कोर्ट पहुंचे और आरोप लगाया कि हमारी बच्चियों की मौत एस्ट्राजेनेका के साइड इफेक्ट से हुई है|
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