सुप्रीम कोर्ट ने न्यूज क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दिया है| प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ कुछ दिन पहले यूपीए सरकार में मामला दर्ज किया गया था| इसके बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया| यूपीए के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को चुनौती देने वाली एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया। न्यूज वेबसाइट न्यूज़क्लिक पर चीन से अवैध फंडिंग लेने का आरोप लगा है। आरोप पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि न्यूज़क्लिक को चीनी प्रचार के लिए करोड़ों रुपये का विदेशी फंड मिला। एफआईआर में बताया गया था कि ये फंड अमेरिका के जरिए मुहैया कराए गए थे|
अवैध गिरफ्तारी और हिरासत: प्रबीर पुरकायस्थ पर ‘गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम’ (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में पिछले साल दिल्ली पुलिस ने पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था| इस बीच सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में न्यूज़क्लिक के संस्थापक की गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उनकी हिरासत अवैध थी| निगरानी अदालत ने कहा कि रिमांड से पहले न तो उन्हें और न ही उनके वकीलों को गिरफ्तारी का कारण बताया गया।
इस बीच, यूएपीए मामले में न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अर्शदीप खुराना ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी और रिमांड की कार्यवाही को अवैध करार दिया है| प्रबीर पुरकायस्थ की रिहाई के निर्देश दिये गये हैं| अब ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत बांड जमा करने का निर्देश दिया गया है। तो ये उनके लिए बड़ी राहत है| क्योंकि हमने शुरू से ही कहा था कि उनके खिलाफ कार्यवाही अवैध थी। साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गिरफ्तारी का तरीका गैरकानूनी था|’
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