देश भर में भीषण गर्मी और लू के कारण लोगों का हाल-बेहाल हो गया है| पिछले सभी रिकार्ड को तोड़ते तापमान 52 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच चुका है| लू और भीषण गर्मी के कारण कई लोगों की मौत होने की भी खबर आ रही है| वही बिहार में भी गर्मी के कारण बड़ी संख्या में स्कूल के विद्यार्थियों का हाल बेहाल हो गया| स्थिति इतनी गंभीर हो गयी उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया| बिहार में भीषण गर्मी और भयंकर लू को लेकर मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने मुख्य सचिव ब्रजेश महरोत्रा को 11 दिन के लिए स्कूलों बंद कराने का निर्देश दिया है|
बता दें कि प्रदेश में भीषण गर्मी देखते हुए मुख्य सचिव को पत्र जारी कर बिहार के मुख्य सचिव ब्रजेश महरोत्रा को आदेश दिया है कि 30 मई से 8 जून तक स्कूलों को बंद कराया जाए| बता दें, इस भीषण गर्मी के बीच भी बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आदेश के कारण बिहार के सरकारी स्कूल खुले हुए थे|
प्रदेश में भीषण गर्मी के कारण स्कूली बच्चे बेहोश हो रहे हैं वही अध्यापक भी इस भयंकर गर्मी से त्रस्त व बेहाल हैं| इसके बावजूद केके पाठक ने स्कूलों को बंद करने का आदेश नहीं दिया है| बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अपने आदेश को बदलते हुए स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव किया गया था| रिकार्ड तोड़ गर्मी के कारण राज्य के अलग-अलग जिलों से विद्यालयों में विद्यार्थियों की तबीयत ख़राब होने की तस्वीरों के आने के बाद अब बिहार के मुख्यमंत्री की ओर से सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है|
बता दें कि चिलचिलाती धूप और हीट वेव के कहर के बीच बिहार मेंसरकारी स्कूल खुले हुए हैं| भीषण गर्मी के बीच स्कूल आने-जाने में बच्चों का हाल बेहाल है| दरअसल बिहार के अधिकांश शहरों में तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया है. वहीं औरंगाबाद जिले में तो पारा 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है|
गौरतलब है भीषण गर्मी और भयंकर लू को देखते शिक्षक, स्कूली बच्चे और अभिभावक लगातार स्कूलों को बंद करने की मांग कर रहे थे| यहीं नहीं आज बिहार के बेगूसराय और शेखपुरा जिले से बच्चों की तबीयत खराब होने की तस्वीर आने के बाद अभिभावक शिक्षा विभाग और केके पाठक के खिलाफ आंदोलन का मन बना रहे थे,लेकिन इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने स्कूलों को बंद करने का आदेश देकर बच्चों को राहत दी है|
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