रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इसे लॉन्च करने का समारोह मैसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि कमोडोर राहुल जगत, एसपीएस, पनडुब्बी निगरानी दल (एसओटी) मुंबई थे।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एमएसएमई शिपयार्ड, मैसर्स सूर्यदीप्त प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, के साथ 11 गोला-बारूद सह टारपीडो सह मिसाइल बार्ज के निर्माण का अनुबंध 5 मार्च, 21 को हुआ था। इन नौसैनिक बार्जों को भारतीय पोत डिजाइन फर्म और भारतीय शिपिंग रजिस्टर (आईआरएस) के सहयोग से निर्मित किया गया है। यानी ये भारत में ही बने और भारत में ही डिजाइन किए गए स्वदेशी रूप से बने बार्ज हैं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक समुद्री कौशल सुनिश्चित करने के लिए नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में इस बार्ज का मॉडल परीक्षण किया गया था। शिपयार्ड ने अभी तक 11 बार्ज में से नौ की सफलतापूर्वक सुपुर्दगी की थी। भारतीय नौसेना द्वारा अपने परिचालन विकास के लिए प्रभावी रूप से इनका उपयोग किया जा रहा है। ये बार्ज भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना की शक्ति में बीते कुछ महीनों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। जहां एक ओर भारतीय नौसेना को बड़े समुद्री युद्धपोत मिले हैं, वहीं दूसरी ओर कई आधुनिक बार्ज भी नौसेना का हिस्सा बने हैं।
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