बिहार की राजधानी पटना स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 9 अगस्त (शनिवार) को खान सर की रक्षाबंधन में पढ़ाई और स्नेह का रिश्ता धर्म की दीवारें लांघकर भाई-बहन के पवित्र बंधन में बदल गया। इस साल 15,000 से ज्यादा छात्राओं ने अपने “गुरु-भाई” खान सर को राखी बांधी हैं।
धार्मिक सीमाओं को पार करते हुए हज़ारों हिंदू बहनों से कलाई पर रक्षा सूत्र सजवाने वाले देश के चर्चित शिक्षक खान सर ने रक्षाबंधन 2025 पर भी एक नई मिसाल कायम की है।
हर बार रक्षाबंधन के मौके पर खान सर के कोचिंग सेंटर में होने वाला यह कार्यक्रम इस बार बड़े पैमाने पर आयोजित हुआ। सभी बहनों के लिए खान सर ने कई तरह के व्यंजनों का इंतजाम किया। शनिवार सुबह 10 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक लगातार राखियां बांधी जाती रहीं।
एक वक्त पर खान सर की कलाई पर इतनी राखियां सज गईं कि हाथ सुन्न हो गया। मजाक में उन्होंने माइक से कहा-“डॉक्टर बुलाओ, हाथ का खून रुक गया है” लेकिन मुस्कान और प्यार के साथ कार्यक्रम चलता रहा।
कार्यक्रम के दौरान माहौल में रिश्तों की मिठास तब और बढ़ गई जब भीड़ से कई छात्राएं पूछ बैठीं-“सर, भाभी कहां हैं?” इस पर हंसते हुए खान सर ने कहा-“आज बहनों का पर्व है या भाभी का? आज तो सिर्फ मेरी बहनों का दिन है।”
उल्लेखनीय है कि खान सर अप्रैल-मई 2025 में विवाह बंधन में बंधे हैं। उनकी पत्नी का नाम ए.एस. खान है। खान सर को राखी बांधने के लिए लाइन में लगीं छात्राओं ने मीडिया से बातचीत में कहा-“खान सर न सिर्फ हमें पढ़ाई में मार्गदर्शन देते हैं बल्कि हमारी सुरक्षा और भरोसे का भी सबसे बड़ा सहारा हैं।” कई छात्राओं ने बताया कि इस खास दिन पर कोर्स फीस में उन्हें डिस्काउंट मिला, जो उनके लिए किसी गिफ्ट से कम नहीं।
बताया जाता है कि खान सर की कोई सगी बहन नहीं है, लेकिन अपने टीचिंग करियर की शुरुआत से ही वे कोचिंंग छात्राओं को ही बहन मानते हैं।
बता दें कि पहले यह आयोजन छोटे स्तर पर होता था, अब यह इतना बड़ा हो चुका है कि शायद दुनिया में खान सर जैसे कोई और भाई नहीं, जो एक ही दिन में हजारों राखियां बंधवाते हुए हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और शिक्षक-छात्रा के अनोखे रिश्ते को दुनिया के सामने पेश करते हों।
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