नए साल के पहले दिन जम्मू-कश्मीर राजौरी में आतंकी हमला हुआ। इस हमले में मरने वालों की संख्या 7 पहुंच गई है। जिसमें 2 बच्चियां भी शामिल हैं। वहीं राजौरी में हुए आतंकी हमले मामले में पूछताछ के लिए पुलिस ने 18 लोगों को हिरासत में लिया है। इसमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। आतंकी मृतकों के घरों में आए और आधार कार्ड देखकर दनादन गोलियां बरसा दीं।
इसी गांव में 24 घंटे के भीतर ही एक बार फिर इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) ब्लास्ट हुआ और दो बच्चियों की मौत हो गई थी। घटना के तुरंत बाद सर्चिंग में एक और IED मिला था, उसे इलाके से हटा दिया गया था। वहीं इस घटना के विरोध में ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि जैसे ही प्रदर्शन खत्म हुआ, एक बार फिर उन्हीं में से एक घर में धमाका हुआ। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच और पूछताछ में कुछ अहम सुराग मिले हैं। आशंका है कि राजौरी शहर के पास कुछ गांवों में आतंकवादी छिपे हुए हैं।
राजौरी में डांगरी इलाके के मुख्य चौक पर आतंकी हमले में मारे गए लोगों का शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के पहुंचने के बाद शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। साथ ही इन परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी।
आतंकवादियों ने इस साल 29 नागरिकों की हत्या कर दी, जिनमें से 3 कश्मीरी पंडितों सहित 6 हिंदू थे। कश्मीर में आतंकियों के साथ साल 2022 में सुरक्षाबलों की 93 मुठभेड़ हुई, जिनमें 172 आतंकी मारे गए। इनमें 42 विदेशी थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार मारे गए आतंकियों में सबसे ज्यादा 108 आतंकी लश्कर-ए-तैयबा और इसी से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट के थे।
शनिवार शाम को सेना के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एलओसी के पास संदिग्ध गतिविधियां देखने के बाद शनिवार शाम को गोलीबारी की। दरअसल जवानों ने बालाकोट सेक्टर में संदिग्ध गतिविधियां देखी और एहतियाती तौर पर गोलीबारी शुरू कर दी। यह गोलीबारी कुछ मिनटों तक चली और इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में कड़ी निगरानी की जा रही है ताकि सीमा पार से घुसपैठ की कोई कोशिश नहीं हो सके।
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