छत्तीसगढ़ में 22 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों के अभियानों का दिखा असर

आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार की पुनर्वास योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में 22 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों के अभियानों का दिखा असर

22 Maoists surrendered in Chhattisgarh, the effect of security forces' operations was visible

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों के सख्त अभियान के बाद 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में छह इनामी नक्सली भी शामिल हैं, जिन पर कुल 11 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

सभी माओवादियों ने बीजापुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के डीआईजी देवेंद्र सिंह नेगी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। अधिकारियों ने इसे सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के माओवाद प्रभावित इलाकों में लगातार बढ़ रहे प्रभाव का संकेत बताया है। अधिकारी ने कहा, “रव‍िवार को 22 व्यक्तियों ने माओवादी विचारधारा को त्याग दिया है और मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं। बीजापुर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पूरे क्षेत्र में नए शिविर स्थापित कर रहे हैं और साथ ही सड़कों और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित बुनियादी ढांचे में भी सुधार कर रहे हैं। नतीजतन, जनता की धारणा बदल रही है और अधिक लोग प्रशासन के साथ जुड़ रहे हैं। इन शिविरों की स्थापना का पूरे क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।”

डीआईजी नेगी ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादियों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार की पुनर्वास योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई और प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे नए शिविरों, सड़क निर्माण और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की वजह से माओवादी प्रभाव तेजी से घट रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में एओबी डिवीजन, तेलंगाना राज्य समिति और प्लाटून के सदस्य शामिल हैं। बीजापुर में अब तक कुल 107 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

इससे पहले शुक्रवार को बीजापुर जिले के गंगलूर इलाके में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 14 महिला नक्सलियों समेत 30 माओवादी मारे गए थे। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को बड़ी संख्या में हथियार मिले, जिनमें एके-47, एसएलआर, इंसास और थ्री-नॉट-थ्री राइफलें शामिल थीं। इसके अलावा, देशी रॉकेट लॉन्चर, बैरल ग्रेनेड लॉन्चर और अन्य विस्फोटक सामग्री भी बरामद हुई।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अभियान की सराहना की और इसे नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। अधिकारियों ने कहा कि अगले वर्ष मार्च तक राज्य को माओवादियों से मुक्त करने के लिए सुरक्षा बल तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं।

शुक्रवार की मुठभेड़ में एक जवान ने वीरगति प्राप्त की, जबकि दो अन्य घायल हुए, जिनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि माओवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति स्थापित की जा सके।

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