भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पिछले सात महीनों में (अप्रैल से अक्तूबर) बढकर 19.1 अरब अमेरिकी डॉलर्स का नया कीर्तिमान स्थापित कर चुकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले वर्ष के इन्हीं महीनों की निर्यात पर नजर डालें तो पिछले वर्ष 15 अरब अमेरिकी डॉलर्स के मुकाबले 24 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखी है।
पिछले साल (2023) के अक्तूबर में 2.4 अरब अमेरिकी डॉलर्स के मुकाबले इस साल के अक्तूबर में 3.4 अरब अमेरिकी डॉलर्स की इलेक्ट्रॉनिक्स की निर्यात हो चुकी है। बता दें की iPhone निर्यात ने स्मार्टफोन निर्यात का 66 प्रतिशत प्रतिनिधित्व किया है, इसी के साथ अक्टूबर 2024 तक भारत के समग्र इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 37 प्रतिशत का योगदान दिया है।
पिछले साल, अक्टूबर के अंत में, इंजीनियरिंग सामान, पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न और आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स और रसायनों को पीछे छोड़ते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स को भारत की छठी सबसे बड़ी निर्यात श्रेणी के रूप में स्थान दिया गया था। वहीं अक्तूबर 2024 तक, यह इंजीनियरिंग सामान और पेट्रोलियम उत्पादों से आगे निकल कर तीसरे स्थान पर पहुँच गया है।
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वाणिज्य विभाग की रिपोर्ट्स के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स भारत का सबसे तेजी से बढ़ता निर्यात क्षेत्र बना चूका है। यह क्षेत्र न केवल शीर्ष पांच में अपनी जगह मजबूत कर रहा है बल्कि पेट्रोलियम निर्यात में दूसरे स्थान से अंतर भी कम कर रहा है। चालू वित्त वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़कर पेट्रोलियम निर्यात का लगभग आधा हो गया है, जो अब तक 40.9 अरब डॉलर है। बता दें की मोदी सरकार की स्मार्टफोन्स के उत्पादन कंपनियों को आकर्षित करने के लिए लायी गयी स्मार्टफोन उत्पादन- प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के कारण इस प्रकार के नतीजे मिल रहें है। इसे पीएलआई स्कीम की सफलता के रूप में देखा जा सकता है।