रिश्वत लेकर झूठे या बोगस कागज़ के साथ पासपोर्ट जारी करने वालों पर नकेल कसने के लिए सीबीआई ने शनिवार को विभिन्न 33 स्थानों पर छापेमारी की। मोटी रिश्वत के बदले जाली पासपोर्ट जारी करने वाले इन पासपोर्ट विभाग के अधिकारियों और पासपोर्ट निकलवाने वालों एजेंटो व दलालों के ख़िलाफ़ सीबीआई की ओर से मामला भी दर्ज किया गया।
सीबीआई ने इन छापों को पासपोर्ट विभाग के सतर्कता अधिकारियों एवं आरपीओ अधिकारियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। अधिकारियों ने बताया जब विदेश मंत्रालय के सतर्कता विभाग ने पासपोर्ट के सरप्राइज़ से निरक्षण का काम किया तो पासपोर्ट मामले में अधूरे या अपर्याप्त दस्तावेजों के साथ जारी किए पासपोर्टों और उनके भ्रष्टाचार का पता चला, जिसके बाद उन्हें मोबाईल फ़ोन के सोशल मिडिया के चैट के साथ लाखों रुपयों के संदिग्ध लेनदेन का भी खुलासा हुआ। इसी के साथ कुछ संदिग्ध यूपीआई के जरिए भुगतानों भी पाए गए।
विदेश मंत्रालय के मंजूरी के बाद सीबीआई ने सतर्कता विभाग के अधिकारीओ के साथ मिलकर पासपोर्ट विभाग के आरोपित अधिकारियों और बिचौलियों पर नकेल कसना शुरू किया। अधिकारियों ने मुंबई और नासिक के इन ठिकानों पर बड़े स्तर पर अभियान चलाया, जिसमें डिजिटल उपकरणों के साथ दस्तावेज़ और अन्य सामग्री को जप्त कर लिया है।
सीबीआई ने अपने आधिकारिक बयान में बताया, की संदिग्ध पासपोर्ट बनवाने के लिए रिश्वत लेकर काम करने वाले 12 पासपोर्ट सहायकों और 18 एजेंटों को हिरासत में ले लिया गया है।यह सभी एकत्रित होकर इन गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। साथ ही साथ रिश्वत लेकर काम करने के लिए उनके खिलाफ केस भी दर्ज किये है। इसी के साथ मुंबई के क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आने वाले दोनों शहरों के दरम्यान 33 जगहों पर छापेमारी की गई। जिसमें यह पता चला है की यह सभी एक साथ मिलकर अधूरे, गलत या अपर्याप्त दस्तावेजों पर भी रिश्वत लेकर पासपोर्ट जारी किया करते थे। साथ ही में आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेरफेर करने की साजिश भी किया करते थे।
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