चीन से इटली पहुंची दो फ्लाइट के आधे यात्री कोरोना संक्रमित पाए जाने से हड़कंप मच गया। एक फ्लाइट के 92 यात्रियों में से 35 यानी 38 फीसदी और दूसरी के 120 यात्रियों में से 62 यानी 52 फीसदी यात्री कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद इटली ने चीन से आने वाली उड़ानों के लिए कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही भारत व अमेरिका समेत सात देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों को विमान में सवार होने से पहले कोविड निगेटिव रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य कर दिया है।
बीजिंग के अचानक जीरो-कोविड पॉलिसी के तहत लागू प्रतिबंधों को हटाने के बाद वहां बढ़ते कोरोना संक्रमण ने विश्व स्तर पर खतरा पैदा कर दिया है। इसी के आधार पर 5 जनवरी से 2 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी हवाई यात्रियों को चीन, हांगकांग या मकाओ से प्रस्थान करने से 2 दिन पहले कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। केंद्रीय अधिकारियों ने कहा कि जो यात्री उड़ान से 10 दिन पहले पॉजिटिव पाए जाते हैं, वह कोरोना से रिकवरी के दस्तावेज पेश कर सकते हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने चिंता जताई कि चीन में कोविड मामलों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप वायरस के नए प्रकार विकसित हो सकते हैं। चीन द्वारा ढील के बाद चीनी यात्रियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय टिकट बुकिंग व इससे संबंधित खोज में पांच से आठ गुना बढ़ोतरी हुई है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को चीन से आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य कर दी गई है। यह जांच चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से भारत आने वालों के लिए जरूरी होगी। भारत आगमन पर इन देशों के किसी भी यात्री में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं या कोविड-19 संक्रमण पाया जाता है तो उन्हें क्वारंटीन किया जाएगा। कोरोना के कारण चीन लगभग तीन सालों तक पूरी दुनिया से दूर रहा, क्योंकि अधिकांश देशों ने चीन की पर यात्रा पाबंदियां लगा दी थीं। हालांकि 2020 के बाद पहली बार चीन यह ढील दे रहा है, लेकिन दुनियाभर में कोविड की दृष्टि से यह कदम चिंताजनक माना जा रहा है।
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