वर्ष 2014 से अब तक 22.05 करोड़ लोगों ने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया है। सरकार ने संसद को बताया कि इनमें से 7.22 लाख लोगों को नौकरी मिली है| तेलंगाना से कांग्रेस सांसद अनुमुला रेवंत रेड्डी के लोकसभा में सवाल पर जबाव देते हुए केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने जवाब दिया।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जिस वर्ष लोकसभा चुनाव हुए थे, 2019-20 में सबसे ज्यादा भर्ती 1.47 लाख थी। हालांकि इस साल सबसे कम (1.78 करोड़) लोगों ने आवेदन किया। 2014-15 में 1.30 लाख लोगों को सरकारी नौकरियों में भर्ती किया गया था। उसके बाद से भर्ती में लगातार गिरावट आ रही है। 2018-19 में उच्चतम 5.09 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमवाईवाई) से स्वरोजगार बढ़ेगा। इस योजना के तहत, व्यक्ति या छोटे उद्यम बिना जमानत के 10 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने 1 जून, 2020 से प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना भी शुरू की है, जिसके तहत कोरोना काल में जिन ठेलों का कारोबार ठप हो गया है, उन्हें जमानत मुक्त ऋण दिया जा रहा है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि 1 अक्टूबर, 2020 से आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य नए रोजगार सृजित करना और कोरोना काल में नौकरी गंवाने वालों को फिर से रोजगार प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि 22 मार्च 2022 तक 59.54 लाख लोग इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं। इससे 53.23 लाख लोगों को नया रोजगार मिला है।
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