27 C
Mumbai
Wednesday, January 22, 2025
होमदेश दुनियावक्फ बोर्ड की गई 78% भूमि सरकार की, स्वामित्व का कोई रिकॉर्ड...

वक्फ बोर्ड की गई 78% भूमि सरकार की, स्वामित्व का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है!

Google News Follow

Related

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति ने मंगलवार (21 जनवरी) को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में क्षेत्रीय दौरे की अपनी अंतिम बैठक आयोजित की। इस बैठक के दौरान जेपीसी प्रमुख एमपी जगदंबिका पाल के साथ शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड तथा अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों सहित सभी हितधारक शामिल थे।

रिपोर्ट के अनुसार, यूपी सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण आयोग की अतिरिक्त सचिव मोनिका गर्ग ने जेपीसी के सामने वक्फ बोर्ड की 78% जमीन सरकारी होने का खुलासा किया। उन्होंने कहा, वक्फ बोर्ड का दावा है कि उसके पास राज्य में 14 हजार हेक्टेयर जमीन है, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इसमें से 11.7 हजार हेक्टेयर जमीन सरकारी है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में पहले भी कहा गया था कि, वक्फ बोर्ड जिन 60 संपत्तियों पर दावा कर रहा है, वे भी सरकारी हैं।

बता दें की, लखनऊ के प्रसिद्ध स्मारक बड़ा इमामवाड़ा, छोटा इमामवाड़ा और अयोध्या में बेगम का मकबरा सभी सरकारी संपत्ति हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड गलत तरीके से इन संरक्षित स्मारकों के स्वामित्व का दावा कर रहा है।

राजस्व विभाग ने JPC को बताया कि वक्फ बोर्ड का जिन जमीनों पर दावा है, उनमें से एक बड़ा हिस्सा राजस्व रिकॉर्ड में वर्ग 5 और वर्ग 6 के तहत दर्ज है। बता दें की, वर्ग 5 और 6 में सरकारी संपत्तियां और ग्राम सभा की संपत्तियां शामिल हैं। मीडिआ रिपोर्ट के अनुसार, यूपी में वक्फ बोर्ड 1.3 लाख से अधिक संपत्तियों के स्वामित्व का दावा कर रहें है, इनमें एएसआई स्मारक, बलरामपुर सरकारी अस्पताल, एलडीए की जमीनें और कई ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जो सरकार के हैं। इसके अतिरिक्त एलडीए और आवास विकास विभाग की कुछ संपत्तियां, जिन पर वक्फ बोर्ड अपना दावा कर रहा है, संबंधित नगर पालिकाओं से आधिकारिक तौर पर संबंधित विभागों को आवंटित की गई थीं।

दरअसल वक़्फ़ बोर्ड किसी संपत्ति के स्वामित्व का दावा करता है, तो भूमि के आधिकारिक अभिलेखों से मिलान करना (वेरिफाई करना) जरुरी होता है और 1952 के अभिलेखों के अनुसार, स्वामित्व विवरण का मिलान किया जाता है। यदि इन विवरणों में पुष्टि हो जाए तो आधिकारिक तौर पर संपत्ति वक्फ बोर्ड के स्वामित्व में दी जाती है, और केवल इसी प्रक्रिया से वक़्फ़ बोर्ड सरकार को संपत्ति सौंपने को कह सकती है।
यह भी पढ़ें:
वहीं वक़्फ़ संशोधन अधिनियम पर गठित संयुक्त संसदीय समिति की अध्यक्षा और सांसद जगदम्बिका पाल ने बताया कि जेपीसी अगले संसद सत्र में 31 जनवरी को अपनी रिपोर्ट पेश करने वाली है। पाल ने कहा, “जेपीसी पिछले 6 महीने से लगातार बैठक कर रही है, पूरे देश में बैठकें कर रही है। मुझे पूरा भरोसा है कि हम सब एकमत होकर अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। पिछली बार हमें इसे शीतकालीन सत्र में पेश करना था, लेकिन इसे बढ़ा दिया गया, इसलिए हम इस रिपोर्ट को बजट सत्र में पेश करने जा रहे हैं।”

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,222फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
225,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें