26 C
Mumbai
Saturday, December 6, 2025
होमक्राईमनामादिल्ली से अब तक 8000 लोग लापता, पुलिस के हाथ खाली!

दिल्ली से अब तक 8000 लोग लापता, पुलिस के हाथ खाली!

दिल्ली में इस साल 1 जनवरी से 23 जुलाई के बीच 7880 से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं,​ जिनपेट के आंकड़ों के अनुसार, लापता लोगों में 4753 महिलाएं और 3133 पुरुष शामिल हैं।

Google News Follow

Related

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से इस वर्ष एक जनवरी से 23 जुलाई के बीच लापता हुए 7880 से अधिक लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है, और ऐसे मामलों की सबसे अधिक संख्या बाहरी उत्तरी जिले की है। यह जानकारी जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) के आंकड़ों से मिली है।

जिपनेट के मुताबिक जिन व्यक्तियों का सुराग नहीं मिला है उनमें 4,753 महिलाएं और 3,133 पुरुष शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक बाहरी उत्तरी दिल्ली जिले में गुमशुदगी के सबसे अधिक 908 मामले दर्ज किये गए हैं, जो बवाना, स्वरूप नगर और समयपुर बादली जैसे इलाकों के हैं। इसके मुताबिक नयी दिल्ली जिले में लापता लोगों की संख्या सबसे कम 85 है।

उच्च सुरक्षा वाले नयी दिल्ली क्षेत्र में तिलक मार्ग, चाणक्यपुरी और संसद मार्ग जैसे क्षेत्र शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर पूर्वी जिले में 730 मामले दर्ज किए गए, जो दूसरे स्थान पर है। इसके बाद दक्षिण पश्चिम जिले में 717, दक्षिण पूर्व जिले में 689 और बाहरी जिले में 675 मामले दर्ज किए गए।

जिपनेट के मुताबिक द्वारका में 644, उत्तर पश्चिम जिले में 636, पूर्वी जिले में 577 और रोहिणी जिले में गुमशुदगी के 452 ऐसे मामले दर्ज किए गए। मध्य जिले में 363 लोगों का सुराग नहीं मिल पाया है, जबकि उत्तर, दक्षिण और शाहदरा जिलों में क्रमश: 348, 215 और 201 लोग अब भी लापता हैं।

आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से 23 जुलाई के बीच 1,486 शव अज्ञात लोगों के मिले जिनमें से अधिकांश पुरुषों के थे। आंकड़ों के अनुसार, उत्तरी जिले में सबसे अधिक 352 शव मिले जिनकी शिनाख्त स्थापित नहीं हो सकी। इनमें कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस जैसे इलाके शामिल हैं।

इसी प्रकार मध्य जिले में 113, उत्तर पश्चिम में 93, दक्षिण पूर्व में 83, दक्षिण पश्चिम और उत्तर पूर्व में 73-73, बाहरी में 65, पूर्व और नई दिल्ली में 55-55, पश्चिम और बाहरी उत्तर में 54-54, रोहिणी में 44, शाहदरा में 42, द्वारका में 35, दक्षिण में 26 और रेलवे में 23 शव मिले जिनकी शिनाख्त नहीं हो सकी।

जिपनेट एक केंद्रीकृत डेटाबेस है जिसका इस्तेमाल कानून प्रवर्तन एजेंसियां लापता व्यक्तियों और अज्ञात शवों का पता लगाने के लिए करती हैं। यह डेटाबेस कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का डेटा संकलित करता है।

​यह भी पढ़ें-

मेलबर्न में स्वामीनारायण मंदिर पर नस्लीय हमला, दीवारों पर नफरत भरे संदेश!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,710फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें