अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के 28 महीनों में केंद्र ने जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश (UT) में 9,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इतनी बड़ी राशि केंद्र शासित प्रदेश की विशेष रूप से सुरक्षा पर खर्च की गई है। 5 अगस्त, 2019 को केंद्र शासित प्रदेश की स्थापना के साथ ही अनुच्छेद 370 और 35 (ए) को रद कर दिया गया था|
वही, केंद्र की ओर से 63 परियोजनाओं में से 54 परियोजनाएं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में 58,627 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ लागू की जा रही हैं। इसके साथ ही 20 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं या कुछ योजना अपने अंतिम चरण में हैं। इसी तरह 30 नवंबर, 2020 तक विभिन्न परियोजनाओं के लिए 32,136 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिसमें से 30,553 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की हाल ही में जारी वार्षिक रिपोर्ट 2020-2021 में इन तथ्यों का उल्लेख किया गया है कि सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार को सुरक्षा संबंधी (पुलिस) योजना के तहत 9,120.69 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं।
बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज (पीएमडीपी-2015) के तहत तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य के लिए 80,068 करोड़ रुपये के विकास पैकेज की घोषणा की है, जिसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों में 63 प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं में सड़क, बिजली, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल संसाधन, खेल, शहरी विकास, रक्षा और वस्त्र हैं।
यह भी पढ़ें-
Some organizations of Tripura: हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध