“पहलगाम के हमलावर मुसलमान नहीं हो सकते, इस्लाम किसी निर्दोष की हत्या की इजाज़त नहीं देता”

पहलगाम आतंकी हमले पर देर से प्रतिक्रिया देने के आरोपों पर बोले आमिर खान

“पहलगाम के हमलावर मुसलमान नहीं हो सकते, इस्लाम किसी निर्दोष की हत्या की इजाज़त नहीं देता”

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अभिनेता आमिर खान ने पहलगाम आतंकी हमले पर देर से प्रतिक्रिया देने को लेकर हो रही आलोचनाओं पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान उनकी फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ के प्रचार से जुड़ा नहीं था, बल्कि देर इसलिए हुई क्योंकि वह सोशल मीडिया से दूर रहते हैं।

इंडिया टीवी को दिए एक इंटरव्यू में आमिर ने कहा, “मैं सोशल मीडिया पर नहीं हूं। लोग वहां तुरंत प्रतिक्रिया देते हैं।” उन्होंने हमले की कड़ी निंदा करते हुए इसे “बेहद क्रूर” बताया और कहा कि धर्म पूछकर गोलियां चलाना अमानवीय कृत्य है। आमिर ने कहा, “अगर वहां मैं या आप होते तो क्या होता? ये इंसानियत के खिलाफ है।”

सोशल मीडिया पर आमिर की प्रतिक्रिया की टाइमिंग को लेकर कई लोगों ने सवाल उठाए, क्योंकि उनका बयान फिल्म के ट्रेलर लॉन्च से ठीक पहले आया। इस पर आमिर ने कहा, “अगर मैं हमारी फोर्सेज के जवाबी कार्रवाई की सराहना करता हूं, तो क्या यह गलत है? क्या मैं उस वक्त अपनी फिल्म के बारे में सोचूं या देश के बारे में? अगर मैं सिर्फ इसलिए चुप रहूं कि मेरी फिल्म आने वाली है, तो वह ज्यादा गलत होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि उनकी फिल्म का ट्रेलर पहले ही रिलीज़ होना था, लेकिन हमले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने ट्रेलर लॉन्च और ‘अंदाज़ अपना अपना’ की री-रिलीज़ प्रीमियर तक रद्द कर दिया।

आमिर ने अपने धर्म इस्लाम का बचाव करते हुए कहा, “जो लोग इस तरह की हिंसा करते हैं, वे मुसलमान नहीं हो सकते। इस्लाम किसी निर्दोष की हत्या की इजाज़त नहीं देता। न औरत पर हाथ उठाने की, न बच्चों को नुकसान पहुंचाने की।” उन्होंने कहा कि ऐसे आतंकी इस्लाम के नाम पर केवल धर्म को बदनाम करते हैं।

आमिर ने अपने फिल्मी करियर का ज़िक्र करते हुए कहा कि उन्होंने ‘रंग दे बसंती’, ‘लगान’ और ‘सर्फरोश’ जैसी फिल्मों के ज़रिए देशभक्ति को जीवंत किया। उन्होंने यह भी बताया कि एक बार अभिनेता मनोज कुमार ने उनकी फिल्मों को ‘देशभक्त सिनेमा की विरासत’ बताया था।

आमिर खान की अगली फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ 20 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी। इस फिल्म में जेनेलिया डिसूज़ा भी अहम भूमिका में हैं और यह आमिर की 2007 की फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की आध्यात्मिक अगली कड़ी मानी जा रही है। फिल्म स्पेनिश हिट ‘Champeones’ की रीमेक है। इसके साथ ही आमिर रजनीकांत की फिल्म ‘कुली’ में कैमियो करते भी दिखेंगे। हालांकि आमिर खान के तुर्कीए देश के दौरे और फिल्म की शूटिंग के चलते उनकी फिल्मों  बायकॉट करने की मांग सोशल मीडिया पर लगातार उठ रही है।

आमिर खान की यह प्रतिक्रिया न सिर्फ उनकी फिल्म से जुड़े विवादों को स्पष्ट करती है, बल्कि धार्मिक कट्टरता और देशभक्ति जैसे संवेदनशील मुद्दों पर उनकी निजी राय भी सामने रखती है। अब देखना होगा कि दर्शक और आलोचक उनकी इस सफाई को किस नज़र से देखते हैं।

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