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मुंबई आतंकी हमले के आरोपी को लाया जाएगा भारत, US कोर्ट ने दी मंजूरी

अमेरिकी अदालत ने आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है।

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अमेरिकी अदालत ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति दे दी है। 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे।

पाकिस्तान में जन्मे तहव्‍वुर राणा ने पाक आर्मी मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई की थी। इसके बाद वह 10 साल से अधिक समय तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम करते रहे। तहव्‍वुर राणा के पास कनाडा की नागरिता है। हालांकि, वह शिकागो में रहता था। क्यूंकी शिकागो में तहव्‍वुर राणा का बड़ा कारोबार था। वहीं, अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, तहव्‍वुर राणा कनाडा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड में भी रहता है।

10 जून, 2020 को, भारत ने प्रत्यर्पण की दृष्टि से 62 वर्षीय राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी। कैलिफोर्निया के मध्य जिले की जिला अदालत की न्यायाधीश जैकलीन चूलजियान ने 16 मई को 48 पृष्ठ के आदेश में कहा कि न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर तथा सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है।

न्यायाधीश ने कहा कि अदालत का निष्कर्ष है कि 62 वर्षीय राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिनमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। छब्बीस नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमलों में भूमिका को लेकर भारत द्वारा प्रत्यर्पण का अनुरोध किए जाने पर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों द्वारा किए गए 26/11 हमलों में राणा की भूमिका की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है।

तहव्‍वुर राणा ने भारत में आतंकी हमले की साजिश रचने में मदद की थी। 2006 से नवंबर 2008 के बीच राणा ने ‘दाउद गिलानी’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेडली और पाकिस्तान में कुछ अन्य के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी को मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने तथा हमलों को अंजाम देने में मदद की थी। वहीं पाकिस्तानी-अमेरिकी हेडली लश्कर का आतंकवादी है। वह 2008 के मुंबई हमलों के मामले में सरकारी गवाह बन गया है। वह हमले में भूमिका के लिए अमेरिका में 35 साल की जेल की सजा काट रहा है।

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