‘द कश्मीर फाइल्स’ की जितनी तारीफ हो रही है। उतनी भी आलोचना हो रही है। हालांकि, ‘द कश्मीर फाइल्स’ की टीम भी सभी सवालों का उत्तर सबूत के साथ जोरदार तरीके से दे रही है। फिल्म 200 के क्लब में शामिल हो गई है। कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीरी पंडितों पर हुए नरसंहार के दौरान उनकी सरकार नहीं थी। जिस पर फिल्म की अभिनेत्री पल्लवी जोशी ने फारूक अब्दुल्ला जोरदार पलटवार करते हुए आइना दिखाया है। यह आइना फारूक अब्दुल्ला के अलावा उन आलोचकों के चेहरे पर करारा तमाचा है जो यह कहते हैं कि यह फिल्म झूठी है।
पल्लवी जोशी ने का कहना है कि मेरा राजनीतिक डोमेन नहीं है। उन्होंने कहा है कि मै नहीं जानती कि राजनीतिज्ञों को कैसे जवाब दिया जाता है। लेकिन हम लोगों ने चार साल में जो रिसर्च करके फिल्म बनाई है। उन सभी कश्मीरी पंडितों से बातचीत के सभी रिकॉर्ड है। इतना ही सरकारी कर्मचारियों के बयान भी हैं।
पल्लवी जोशी ने कहा कि फिल्म में जितनी भी घटनाएं दिखाई गई हैं, सभी के वीडियो एविडेंस हैं। मुझे नहीं लगता कि सभी सात सौ लोग झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने उस समय के गवर्नर जगमोहन मल्होत्रा का भी जिक्र किया है।इसके अलावा जोशी ने फारूक अब्दुल्ला पर भी एक तरह से सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि कश्मीरी पंडितों के साथ हुई घटना से दो दिन पहले ही फारूक अब्दुल्ला ने अपने पद से इस्तीफा देकर लंदन चले गए थे। दो दिन वहां कोई शासन नहीं था। उन्होंने आगे कहा है कि उसके बाद जगमोहन को गवर्नर नियुक्त किया गया था, लेकिन खराब मौसम की वजह से वहां नहीं पहुंच पाए थे।
इस देश की सबसे बड़ी बिडंबना है कि एक बहुसंख्य लोगों के ऊपर जुल्म होने के बाद कोई नहीं आवाज उठता है। लेकिन जब कोई सच्चाई कहता है तो यह कहकर इस मामले को दबाने की कोशिश की जाती है कि यह झूठा है और मनगढ़ंत है। हालाँकि, अब जनता इनको जवाब देना शुरू कर दिया है। उम्मीद है जनता हमेशा सच के साथ होगी और ऐसे ही जवाब देती रहेगी। जनता ने जिस तरह द कश्मीर फाइल्स पर प्यार लुटाया यह उन आलोचकों को जवाब है।
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