हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अडाणी ग्रुप पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े आरोप लगाए गए थे। उद्योगपति गौतम अडानी के समूह ने वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जवाब दिया है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद गौतम अडाणी की नेटवर्थ 10% कम हो गई। जबकि अडाणी को नेटवर्थ में 1.32 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसके साथ ही अमीरों की सूची में अडाणी चौथे नंबर से खिसकर 7वें पर आ गए थे।
वहीं अब गौतम अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को झूठ बताया है। समूह की ओर से 413 पन्नों के जवाब में कहा गया है कि हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए गंभीर आरोप ‘‘झूठ के सिवाए कुछ नहीं’’ है। अडानी ग्रुप ने कहा कि रिपोर्ट ‘‘झूठी धारणा बनाने’’ की ‘‘छिपी हुई मंशा’’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके।
अडाणी समूह ने अपने जवाब में हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। ग्रुप ने कहा कि जब अडानी समूह का आईपीओ लॉन्च होने वाला है, जो कि देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा, तो उससे ठीक पहले ऐसी रिपोर्ट जारी करके हिंडनबर्ग ने अपनी बेईमानी का सबूत दिया है। अडाणी ग्रुप का आरोप है कि हिंडनबर्ग ने यह रिपोर्ट लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जारी की है। अर्थात यह रिपोर्ट न तो स्वतंत्र है, न निष्पक्ष है और न ही सही तरह से रिसर्च करके तैयार की गई है।
अडाणी समूह ने कहा इस रिपोर्ट का सिर्फ एक ही उद्देश्य है- झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके। इस रिपोर्ट का उद्देश्य है- झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो और शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग बड़ा आर्थिक फायदा उठा सके।
बता दें कि अडाणी ग्रुप की प्रतिक्रिया पर हिंडनबर्ग ने भी जवाब दिया है। हिंडनबर्ग ने कहा, “धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब से राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। अडाणी ग्रुप हमारी रिपोर्ट को भारत पर सोचा-समझा हमला बता रहा है। अडाणी ग्रुप अपने और अपने चेयरमैन की बढ़ती हुई आय को भारत के विकास के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है। जिससे हम सहमत नहीं हैं।
वहीं हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद पिछले 2 ट्रेडिंग सेशन में अडाणी ग्रुप के स्टॉक्स के इन्वेस्टर्स को भारी नुकसान हुआ है। देश का सबसे बड़ा इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर ‘लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया’ भी उन प्रभावित इन्वेस्टर्स में से एक है। बैंकों पर भी इस रिपोर्ट का प्रभाव पड़ा है। कंपनियों पर कर्ज की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में गिरावट का दौर जारी है।
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