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Tuesday, December 9, 2025
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अफगान सिखों को तालिबान की धमकी: इस्लाम क़बूलो या देश छोड़कर भागो

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काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान में अब बचे हुए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के कट्टरपंथी संगठन अल्पसंख्यकों को जान से मारने और इस्लाम कबूलने की धमकी दे रहे हैं। ये संगठन वहां रह रहे सिखों को सुन्नी इस्लाम अपनाने या देश छोड़कर चले जाने को मजबूर कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। वही, एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान प्रशासन लोगों की जमीन से बेदखल कर रहे हैं और इस जमीनों को अपने समर्थकों को दे  रहे हैं।

इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की रिपोर्ट में कहा गया, अफगानिस्तान में सदियों से रह रहे सिखों की आबादी एक जमाने में दसियों हजार थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों में कट्टरता के चलते बढ़ी धार्मिक हिंसा, हत्या, व्यवस्थागत भेदभाव और देश छोड़कर जाने के कारण समुदाय बर्बाद हो गया है। देश में अधिकांश सिख काबुल में तो कुछ गजनी और नंगरहार प्रांतों में रहते हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब कुछ दिनों पहले ही काबुल के कार्त-ए-परवान जिले में एक गुरुद्वारे में घुसे 15 से 20 आतंकवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को बंधक बना लिया था। अफगानिस्तान में सिख अक्सर इस तरह के हमलों और हिंसा का सामना करते हैं। अफगानिस्तान में कई सिख विरोधी हिंसक हमले हो चुके हैं।
आतंकवादियों ने पिछले साल जून में एक अफगान सिख नेता का अपहरण कर लिया था, लेकिन इस बारे में अधिक खुलासा नहीं हो सका। मार्च 2019 में काबुल में एक और सिख व्यक्ति का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। वहीं, कंधार में अज्ञात बंदूकधारी ने एक सिख को गोली मार दी थी। आईएफएफआरएएस का कहना है कि 26 मार्च 2020 को काबुल के एक गुरुद्वारे में तालिबान द्वारा समुदाय के नरसंहार के बाद से ही बड़ी संख्या में सिख भारत जा रहे हैं। फोरम का कहना है कि सिख सुन्नी संप्रदाय की कट्टर विचारधारा के खिलाफ हैं इसलिए उन्हें या तो जबरन मुस्लिम बना दिया जाता है या फिर उनकी हत्या कर दी जाती है। रिपोर्ट का कहना है कि अफगानिस्तान का पूर्व शासन अल्पसंख्यक सिखों के घर बचाने और उन्हें सुरक्षा देने में नाकाम रहा है। अब कट्टरपंथी विचारधारा वाली तालिबान सरकार भी सिखों को पनपने नहीं देगी।
वहीं, दूसरी ओर एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के  बाद यहां प्रशासनिक अधिकारी लोगों की सम्पत्ति से बेदखल करा रहे हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच की  रिपोर्ट के अनुसार , कहा गया है यह कदम इस लिए उठाये जा रहे है उनके समर्थकों को यह जमीन वितरित की जाए। संगठन के हवाले से कहा गया है कि खासतौर से हाजरा शिया समुदाय और पूर्ववर्ती सरकार से जुड़े लोगों को जमीन से बेदखल किया जा रहा है।

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