नई दिल्ली। पीएम मोदी ने रविवार को सुबह 11 बजे अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कोरोना के संकट में डॉक्टरों और नर्सों का जिक्र किया। उन्होंने इस महामारी में जल,थल और वायु सेना अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रही है, उन्होंने तीनों सेनाओं तारीफ की और कहा कि ऐसी महामारी 100 साल बाद आई है।पीएम का अब तक का यह 77वां संबोधन था।इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ते कोरोना के मामले एवं टीकाकरण की स्थिति को लेकर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से देश पूरी ताकत के साथ COVID-19 के खिलाफ लड़ रहा है। पश्चिमी तट पर तूफान ‘ताऊ-ते’ और पूर्वी कोस्ट पर तूफान ‘यास’ आया। इस दौरान अम्फान आया, निसर्ग आया, अनेक राज्यों में बाढ़ आई, छोटे-बड़े अनेक भूकंप आए, भू-स्खलन हुए|अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े तूफानों का सामना किया।
पीएम मोदी ने कहा कि “विपदा के इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में साइक्लोन से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है, इस संकट की घड़ी में बड़े धैर्य के साथ, अनुशासन के साथ मुकाबला किया है, मैं आदरपूर्वक, हृदयपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं। केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं |” प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने आगे बढ़कर राहत और बचाव के कार्य में हिस्सा लिया, ऐसे सभी लोगों की जितनी सराहना करें, उतनी कम है। मैं उन सब को सैल्यूट करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवाभाव ने देश को हर तूफान से बाहर निकाला है। हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स- उन्होंने खुद की चिंता छोड़कर दिन रात काम किया और आज भी कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा” मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है। मेरे प्यारे देशवासियो, चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है। देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवाभाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है|”
प्रधानमंत्री ने कोरोना काल के दूसरी लहर के बारे में कहा कि “इस सबके बीच कई लोग ऐसे भी हैं,जिनकी कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में बहुत बड़ी भूमिका रही है| मुझसे ‘मन की बात’ के कई श्रोताओं ने नमो एप पर और पत्र के द्वारा इन वॉरियर्स के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया है..”।ऑक्सीजन टैंकर ज्यादा तेज चले, छोटी-सी भी भूल हो, तो उसमें बहुत बड़े विस्फोट का खतरा होता है। साथियों,जब दूसरी लहर आई तो,अचानक से ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई तो बहुत बड़ा चैलेंज था।मेडिकल ऑक्सीजन का देश के दूर-सुदूर हिस्सों तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती थी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि “मेरे प्यारे देशवासियों, आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है। जब हम ये देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है|
मन की बात में प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद 7 दशकों में हमारे देश के केवल साढ़े तीन कनेक्शन थे|लेकिन पिछले 21 महीनों में ही साढ़े चार करोड़ घरों को साफ पानी के कनेक्शन दिए गए हैं | इनमें से 15 महीने तो कोरोना काल के ही थे !” मन की बात में प्रधानमंत्री ने बिजली जिक्र कहा कि कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियां उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं।कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गांव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है। ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोजगार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है।