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BJP-RSS के नेताओं के ही ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक क्यों हटा रहा Twitter?

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नई दिल्ली। भारत सरकार और ट्विटर में जारी विवाद के बीच उपराष्ट्रपति और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई बड़े नेताओं के हैंडल से ब्लू बैज हटा दिया गया है। जिनमें संघ प्रमुख मोहन भागवत अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार, सरकार्यवाह सुरेश जोशी, सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी और कृष्णगोपाल जी के ट्विटर हैंडल पर अब ब्लू बैज नजर नहीं आ रहा है। अभी तक इसका पता नहीं चल पाया है कि ऐसा क्यों किया गया है। इससे पहले सोमवार, तड़के ट्विटर ने उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू के पर्सनल वेरीफाई अकाउंट से भी ब्लू बैज हटा दिया था। दो घंटे बाद ही उपराष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल का ब्लू टिक वापस आ गया। बताया जा रहा है कि ट्विटर ने अपनी ब्लू टिक वेरीफिकेशन प्रोसेस को दोबारा शुरू किया है और इसके साथ ही उसने पुराने हैंडल्स को क्रॉस-चेक कर ब्लू बैज हटा रहा है। इसी के तहत आरएसएस के इन बड़े नेताओं के ट्विटर हैंडल पर ब्लू बैज नजर नहीं आ रहा है। अब यहां सवाल यह उठता है कि आखिर बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के ही टवीटर हैंडल से ही ब्लू बैज क्यों हटाए जा रहे हैं। वैसे भी ट्विटर का विवाद भारत तक ही सीमित नहीं है। यह विवाद कई देशों तक फ़ैल चुका है।
उपराष्ट्रपति का वापस आया ब्लू टिक
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाने के दो घंटे बाद ट्विटर ने यू-टर्न लेते हुए नायडू के ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिक वापस लौट दिया। इससे पहले जब ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल से वैरिफाइड ब्लू टिक वापस ले लिया तो बवाल मच गया। हालांकि थोड़ी ही देर बाद उनके अकाउंट को दोबारा वैरिफाई कर दिया गया। वेंकैया नायडू का अकाउंट अनवैरिफाई होने पर ट्विटर पर लोग जमकर गुस्सा जाहिर करने लगे। हालांकि कई लोगों का मानना है कि अकाउंट एक्टिव नहीं था।
Twitter restores blue verified badge on Vice President of India M Venkaiah Naidu’s personal Twitter handle. pic.twitter.com/teAFmg4iVz
— ANI (@ANI) June 5, 2021
भारत सरकार की नई गाइडलाइन को लेकर ट्विटर और सरकार के बीच विवाद बना हुआ है। नई गाइडलाइन को अभी तक ट्विटर ने फॉलो नहीं किया है। कुछ दिन पहले ही कंटेंट फिल्टरिंग को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुरुग्राम के दफ्तर पर छापेमारी की थी।  बाद में दिल्ली पुलिस ने छापेमारी से इंकार कर दिया था। कुछ समय से नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र सरकार और ट्विटर के बीच विवाद छिड़ा हुआ है। खबरों में कहा गया था कि ट्विटर ने फिर वेरिफिकेशन प्रोसेस शुरू किया है, जिसके जरिए अब यूजर्स फिर से ब्लू टिक के लिए अप्लाई कर पाएंगे। ट्विटर ने इस प्रक्रिया को पिछले तीन साल से रोका रखा था। 2017 में इस प्रोसेस पर आम लोगों के लिए उस समय रोक लगा दी गई थी।
तो कार्रवाई करेगी सरकार:भारत सरकार ने ट्विटर को नए नियम लागू करने को कहा है।  केंद्र ने ट्वविटर को नोटिस भेजकर चेतावनी दी है कि नए नियमों को जल्द अपनाये। सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को लेकर जारी किए गए नियम 26 मई से प्रभाव में आ गए हैं और इसको एक सप्ताह भी बीत चुके हैं, लेकिन ट्विटर ने इन नियमों को मानने से मना कर दिया है। यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि इस तरह के गैर-अनुपालन से अनपेक्षित परिणाम होंगे, जिसमें ट्विटर को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) एक्ट, 2000 की धारा 79 के तहत इंटरमीडियरी के रूप में मिलने वाले छूट से हाथ धोना पड़ सकता है। यह उपरोक्त नियमों के नियम 7 के तहत स्पष्ट रूप से प्रदान किया गया है।
भारत ही नहीं कई देशों में ट्विटर पर है विवाद: ट्विटर और भारत सरकार के बीच जारी खींचतान नहीं है। नाइजीरिया ने भी ट्विटर को अपने यहां से सस्पेंड कर दिया है । नाइजीरिया ने कहा है कि इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नाइजीरिया के कॉर्पोरेट अस्तित्व को कम करने में सक्षम गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। सूचना मंत्रालय ने कहा कि संघीय सरकार ने अनिश्चितकाल के लिए ट्विटर को सस्पेंड कर दिया है। बता दें कि ट्विटर ने दो दिन पहले ही नियमों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी के आधिकारिक अकाउंट के एक ट्वीट को डिलीट कर दिया था। हालांकि, शुक्रवार को बयान जारी करने के तुरंत बाद भी ट्विटर नाइजीरिया में भी काम कर रहा था। इसके बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय के विशेष सहायक सेगुन अडेमी ने बताया, “मैं तकनीकी सवालों का जवाब नहीं दे सकता … संचालन अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।” गौरतलब है कि बुहारी ने सिविल वार को लेकर एक विवादित ट्वीट किया था। इसमें वहां के दक्षिण-पूर्व में हुई हिंसा का जिक्र किया गया था। ट्वीट में वहां के अलगाववादियों पर पुलिस व चुनाव अधिकारियों पर हमला करने का आरोप लगाया गया था।ट्विटर ने इसको नियमों के खिलाफ माना था और बाद में इसे हटा दिया था।
क्या है ब्लू टिक: ट्विटर के अनुसार, ट्विटर पर ब्लू वेरीफाई बैज लोगों को यह बताता है कि किसी ऑथेंटिक अकाउंट पर पब्लिक का इंटरेस्ट है। ब्लू बैज प्राप्त करने के लिए, आपका खाता ऑथेंटिक, नोटेबल और सक्रिय होना चाहिए है। ब्लू बैज का उद्देश्य वेरीफाइड करने के लिए ट्विटर के साथ एक अकाउंट की पहचान की पुष्टि करके प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के बीच विश्वास को प्रोत्साहित करना और बनाए रखना है। ट्विटर के अनुसार, वेरीफिकेशन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसमें लोगों को सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए अकाउन्ट्स की ऑथेंटिसिटी के बारे में सूचित करके सार्वजनिक बातचीत की कमिटमेंट की जाती है।
क्यों हटाया जाता है बैज?:रीफाइड होने के लिए, एक अकाउंट नोटेबल, ऑथेंटिक और एक्टिव होना चाहिए। ट्विटर जिन 6 प्रकार के अकाउन्ट्स की पुष्टि करता है उनमें सरकारी कंपनियां, ब्रांड और गैर-लाभकारी संगठन, समाचार संगठन और पत्रकार, मनोरंजन, खेल और निर्यात, कार्यकर्ता, आयोजक और अन्य प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं। ट्विटर कहता है कि यदि कोई अकाउंट अपना यूजर नेम (@handle) बदलता है या कोई अकाउंट इनएक्टिवेट या इनकम्पलीट हो जाता है या यदि अकाउंट का ऑनर अब नहीं है, तो वह किसी भी समय और बिना किसी सूचना के किसी भी ट्विटर खाते के ब्लू वेरीफाइड बैज और वेरीफाइड स्थिति को हटा सकता है। ट्विटर उन अकाउन्ट्स से ब्लू वेरीफाइड बैज को भी हटा सकता है जो ट्विटर के नियमों का गंभीर या बार-बार उल्लंघन करते हुए पाए जाते हैं, जिसमें आपके प्रदर्शन नाम या जैव उल्लंघनों को बदलकर ट्विटर पर लोगों को जानबूझकर या जानबूझकर गुमराह करना शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप तत्काल अकाउंट सस्पेंड होता है।

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