म्यांमार के बाद चीन में भी आ सकते हैं भयावह भूकंप

इस खतरनाक भूगर्भीय गतिविधि को देखते हुए चीन सरकार को त्वरित कार्रवाई और भूकंपीय चेतावनी प्रणाली के लिए निवेश बढ़ाने की सिफारिश की गई है, ताकि इस तरह की आपदाओं से बचाव किया जा सके।

म्यांमार के बाद चीन में भी आ सकते हैं भयावह भूकंप

After Myanmar, a terrible earthquake can also occur in China

म्यांमार में हाल ही में आई भीषण भूकंप के बाद, अब चीन में भी बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। भूगर्भ वैज्ञानिकों और सेस्मोलॉजिस्ट्स के अनुसार, चीन में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल के कारण भविष्य में बड़ा भूकंप आ सकता है, जो न केवल जानमाल का भारी नुकसान कर सकता है, बल्कि कई शहरों को भी तबाह कर सकता है।

चीन विभिन्न टेक्टोनिक प्लेट्स के मध्य स्थित है, और यहां भारतीय प्लेट और युरेशियन प्लेट के बीच संपर्क क्षेत्रों में भूकंप का खतरा अधिक रहता है। विशेष रूप से तिब्बत और हिमालयी बेल्ट में हो रही टेक्टोनिक हलचल से यहां बड़ा भूकंप आने की संभावना जताई जा रही है। इन क्षेत्रों में प्लेटों का टकराव और सक्रियता एक बड़े भूकंप को जन्म दे सकती है, जिससे कई शहरों में तबाही हो सकती है।

तिब्बती पठार, जो दुनिया का सबसे ऊंचा और विशाल पठार है, यहां टेक्टोनिक दबाव के कारण लगातार भूगर्भीय गतिविधियां हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय और युरेशियन प्लेटों के बीच टकराव से यहां भूकंप आने की संभावना बढ़ गई है। इस कारण इन क्षेत्रों में विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि हालांकि भूकंप का सही समय और स्थान पहले से बताना मुश्किल है, लेकिन चीन में बढ़ती टेक्टोनिक गतिविधि से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल्द ही एक बड़ी भूकंपीय घटना हो सकती है। ऐसे में चीन के बड़े शहरों और विकासशील क्षेत्रों में भूकंप से निपटने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और आपातकालीन योजनाओं की आवश्यकता है।

अतीत में चीन ने 2008 में सिचुआन भूकंप जैसे कष्टकारी अनुभव किए हैं, जिसमें भारी तबाही हुई थी। उस समय से ही भूकंप से बचाव और पूर्व-तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि चीन को अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयारियों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि भविष्य में किसी भी आपदा से निपटने में मदद मिल सके।

इस खतरनाक भूगर्भीय गतिविधि को देखते हुए चीन सरकार को त्वरित कार्रवाई और भूकंपीय चेतावनी प्रणाली के लिए निवेश बढ़ाने की सिफारिश की गई है, ताकि इस तरह की आपदाओं से बचाव किया जा सके।

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