लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा गाय के ऊपर की गई टिप्पणी के बाद पूरे देश में एक सुर में गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग तेज हो गई है। मुस्लिम समाज और मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी कोर्ट के बयान का समर्थन किया है। आईएमईएम राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हम बहुत पहले से ही गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने के बजाय सरकार इसे पूरा करे। बता दें कि, इलाहबाद हाई कोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं। जिसमें कहा कि गाय को धार्मिक नजरिये से ही नहीं देखा जाना चाहिए। गाय का अपना महत्व है और भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है। इसलिए संसद में बिल लाकर इसे राष्ट्रीय पशु का दर्जा दिया जाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के बयान पर AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश के प्रभारी आसिम वकार ने कहा कि हम तो बहुत पहले से इस बात की मांग करते हैं कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। जिस तरह सड़कों पर गाय नजर आती हैं उनके लिए बेहतर व्यवस्थाएं हो सके, लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने हमारी बात नही सुनी, लेकिन अब हाईकोर्ट ने कहा है तो देखिए सरकार इस पर कोई फैसला लेती है या इसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। वहीं मुस्लिम धर्मगुरु और दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने भी हाईकोर्ट के इस बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि गाय के संरक्षण के लिए केंद्र स्तर पर कानून बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू भाइयों के लिए गाय का एक विशेष महत्व है।
उन्होंने हाईकोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी मुनासिब है और केंद्र सरकार को इस पर गौर करना चाहिए जिससे करोड़ों हिंदू भाइयों की आस्था का सम्मान हो सके और गाय का बचाव होना चाहिए। वहीं शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने भी हाईकोर्ट के इस फैसले का सम्मान किया है। वसीम रिजवी ने कहा कि हाईकोर्ट का यह फैसला देर आए पर दुरुस्त आया फैसला है।