अमेरिका में एक महत्वपूर्ण नीतिगत बदलाव के तहत, ट्रम्प प्रशासन ने दुनिया भर में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के संचालन को व्यापक रूप से निलंबित किया है। इन आदेशों के बाद लगभग सभी USAID कर्मियों को उनके वैश्विक कार्यभार से वापस बुलाया जाएगा।
20 जनवरी, 2025 को, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने “संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेशी सहायता का पुनर्मूल्यांकन और पुनर्गठन,” के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद सभी अमेरिकी विदेशी विकास सहायता कार्यक्रमों पर 90-दिवसीय रोक लगी है। ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश से मौजूदा विदेशी सहायता रचना की कड़ी आलोचना की गई है की, USAID अमेरिकी हितों और मूल्यों के साथ गलत तरीके से जुड़ा है, यह अक्सर सामंजस्यपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विपरीत विचारों को बढ़ावा देकर वैश्विक शांति को अस्थिर करता है।
इस निर्देश के बाद, विदेश विभाग ने एक वैश्विक आदेश जारी किया। “कार्य रोको” आदेश जारी किया गया, जिससे सभी मौजूदा विदेशी सहायता रोक दी गई तथा नई सहायता प्रतिबद्धताओं पर रोक लगा दी गई।
बता दें की, इस निलंबन में केवल मिस्र और इज़राइल को आपातकालीन खाद्य सहायता और सैन्य सहायता शामिल नहीं है। इसके बाद, छूट का विस्तार करके जीवन रक्षक दवा, चिकित्सा सेवाएँ, भोजन, आश्रय और निर्वाह सहायता प्रदान करने वाले मानवीय कार्यक्रमों को शामिल किया गया। हालाँकि, गर्भपात, परिवार नियोजन सम्मेलन, जीवन रक्षक सहायता से सीधे संबंधित न होने वाली प्रशासनिक लागत, लिंग या विविधता कार्यक्रम और गैर-आवश्यक सहायता से जुड़ी गतिविधियाँ बाहर रखी गई हैं।
निलंबन के कारण लगभग 120 देशों में USAID द्वारा वित्तपोषित कई परियोजनाएँ तत्काल बंद हो गई हैं। इसमें महत्वपूर्ण स्वास्थ्य पहल, शैक्षिक कार्यक्रम और बुनियादी ढाँचा विकास प्रयास शामिल हैं। हज़ारों USAID कर्मचारियों को प्रशासनिक छुट्टी पर रखा गया है और ठेकेदारों को चल रहे काम को रोकने का निर्देश दिया गया है। संचालन में अचानक रुकावट के कारण भोजन और दवा जैसी आवश्यक आपूर्ति कथित तौर पर बंदरगाहों पर रोकी गई है।
डेमोक्रेटिक पार्टी सांसदों और USAID समर्थकों का तर्क है कि एजेंसी के बंद होने के लिए कांग्रेस की स्वीकृति की आवश्यकता है, इस बात पर जोर देते हुए कि रूस और चीन जैसे विरोधियों के प्रभाव का मुकाबला करने और वैश्विक गठबंधनों को बनाए रखने के लिए इसका काम आवश्यक है।
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बता दें की, ट्रंप प्रशासन में मंत्रीपद के दावेदार जे एफ कैनेडी जूनियन ने इस बात का खुलासा किया है की अमेरिका के CIA के साथ मिलकर USAID ने दुनियाभर की सरकारें गिराने का काम किया है। हाल में पाकिस्तान में तख्तापलट से गिराई गई इमरान खान की सरकार और बांग्लादेश में तख्तापलट से गिराई गई शेख हसीना की सरकार इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। साथ ही USAID द्वारा वित्तपोषित जॉर्ज सॉरोस और फोर्ड फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत में भी अस्थिरता निर्माण करने के लिए चलाए गए अभियानों की जानकारी समय-समय पर सामने आते रही है।