श्रीनगर। अमित शाह ने मंगलवार को 2019 में पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उनके साथ उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। बता दें कि धारा 370 हटाए जाने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का कश्मीर का यह पहला दौरा है। गृह मंत्री कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर थे। उन्होंने सोमवार की रात CRPF (सीआरपीएफ) कैंप में गुजारी। अमित शाह ने सीआरपीएफ कैंप रात गुजार कर आतंकियों और नागरिकों को बड़ा संदेश दिया। उन्होंने कश्मीर दौरे के दौरान एक जनसभा में कहा था कि पीओके से एक बार कश्मीर की तुलना कर लें। उन्होंने इस दौरान आतंकियों को चेताया भी कश्मीर की शांति को भंग करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। एक तरह से शाह नागरिकों के दिल डर निकालने और विपक्ष को मुंह तोड़ जवाब दिया है आने वाले समय में इसका दूरगामी परिणाम मिलेगा।
J&K | Union Minister Amit Shah pays tribute to 40 CRPF jawans who were killed in 2019 Pulwama terror attack pic.twitter.com/YCrsu60ELD
— ANI (@ANI) October 26, 2021
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र जेवन में स्थित पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पुलिस शहादत दिवस के मौके पर कहा था, कई मस्जिदों से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आह्वान किया जा रहा है, जो सराहनीय कदम है। प्रदेश में डर का माहौल पैदा करने वालों से निपटने में टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाएगा।उन्होंने कहा कि आंकड़ों के अनुसार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जम्मू-कश्मीर पुलिस के 1600 जवानों ने बलिदान दिया है। इन बलिदानियों का पूरा राष्ट्र ऋणी है। कश्मीर पहुंचते ही गृह मंत्री अमित शाह सबसे पहले बीते दिनों आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिसकर्मी परवेज डार के घर पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की।
मालूम हो कि पाकिस्तान से हमदर्दी जताने वालों को जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था, ”पाकिस्तान की बात करने को वालों को मैं कई जवाब दे सकता हूं, लेकिन मैं आज वह नहीं करूंगा। मैं तो युवाओं से बात करने आया हूं। मैं आपको पूछना चाहता हूं पास में ही पीओके है, हमें तो अभी जम्मू-कश्मीर के विकास से संतोष नहीं है, लेकिन एक बार पीओके से तुलना कर लेना, क्या मिला? गरीबी, अंधेरे और धुएं के अलावा क्या मिला? आज भी लकड़ियां जला कर खाना बनाया जाता है।”