बिहार जेल कानून में संशोधन के बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन समेत 26 कैदियों को पिछले हफ्ते बरी कर दिया गया। दरअसल बिहार सरकार ने कारा हस्तक 2012 के नियम 481 आई में संशोधन किया है। वहीं नीतीश सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना भी हो रही है। वहीं अब बिहार की सियासत तेज है और अन्य बाहुबलियों की रिहाई की भी मांग उठने लगी है।
दरअसल आरजेडी से चार बार के सांसद प्रभुनाथ सिंह अभी झारखंड के हजारीबाग जेल में बंद हैं। उन्हें 1995 में जनता दल विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने के बाद 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। वहीं साल 2019 में आनंद सिंह के पैतृक आवास से एक एके-47 राइफल बरामद हुआ था और इसी मामले में उन्हें पिछले साल दोषी पाया गया और कोर्ट में उन्हें 10 साल की सजा सुनाई गई थी। वहीं दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता भी समाप्त हो गई।
दरअसल आनंद मोहन की तरह अनंत सिंह, प्रभुनाथ सिंह को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर पटना में सवर्ण क्रांति दल के अध्यक्ष कल्लू सिंह द्वारा पोस्टर लगाए गए। पोस्टर में दोनों को शेर बताया गया है और पोस्टर में लिखा गया है ‘सवर्णों को चाहिए अधिकार नहीं चलेगा अत्याचार’, साथ ही दोनों को जेल से रिहा करने की मांग की गयी है। अध्यक्ष कल्लू सिंह ने कहा कि अनंत सिंह, प्रभुनाथ सिंह को फंसाया गया। उन्होंने सवर्ण होने की कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने मांग की कि आनंद मोहन की तरह इन दोनों को रिहा किया जाए। इन लोगों का आधा जीवन जनता की सेवा में निकल गया।
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