आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक प्रकाश जैन ने बताया कि राज्य के तटीय जिलों में बचाव और राहत कार्यों के लिए आठ एनडीआरएफ और नौ एसडीआरएफ टीमों को तैनात किया गया है।
उन्होंने कहा कि इन टीमों को आपदा के दौरान तुरंत प्रतिक्रिया देने और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए तैयार रखा गया है। विशेष रूप से कृष्णा जिले में स्थित एनडीआरएफ की 10वीं बटालियन को पीएसआर नेल्लोर, श्रीकाकुलम, डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा, काकीनाडा, पश्चिम गोदावरी और कृष्णा जिलों में भेजा गया है। इन जिलों को चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने का खतरा बताया जा रहा है।
समुद्र में तेज लहरें उठने की संभावना के कारण मत्स्य पालन और नाव चलाने वाली सभी गतिविधियां रोक दी गई हैं। इसके साथ ही तटीय इलाकों में पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनता से अपील की है कि वे पानी के रास्ते 26 से 29 अक्टूबर तक किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें। यह कदम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव वाला क्षेत्र अब तेज चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह तूफान मंगलवार रात को काकीनाडा के पास तट से टकरा सकता है।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, तूफान के समय हवा की गति 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है और कभी-कभी यह 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंच सकती है।
रविवार सुबह इस कम दबाव क्षेत्र का केंद्र पोर्ट ब्लेयर से 610 किलोमीटर पश्चिम, चेन्नई से 850 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, विशाखापत्तनम से 790 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व, काकीनाडा से 840 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और गोपालपुर से 950 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व स्थित था। जिसका असर धीरे-धीरे आंध्र प्रदेश की ओर बढ़ रहा है।
सोमवार और मंगलवार को तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश होने की संभावना है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से सतर्क रहने और अपने सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने चक्रवाती तूफान होने के कारण अधिकारियों को संपत्ति की सुरक्षा के लिए तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, पानी और अस्पताल सेवाओं को प्रभावित न होने देने के लिए कहा। उन्होंने जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि आईएमडी ने रेड अलर्ट जारी किया है और सभी अधिकारियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
चक्रवात का असर श्रीकाकुलम से लेकर तिरुपति जिलों तक हो सकता है और वहां 100 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के कलेक्टरों को राहत उपायों की योजना बनानी चाहिए और जरूरत पड़ने पर स्कूल और कॉलेजों में छुट्टियां घोषित की जा सकती हैं। जानकारी तुरंत जमीन स्तर तक पहुंचानी होगी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील जिलों में तैनात रहेंगी और काकीनाडा में मोबाइल अस्पताल तैयार रहेगा।
51 कुंडीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ भूमि पूजन समारोह सम्पन्न!



