कोर्ट ने हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर 302, 201, 354ए और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए। वहीं, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को आईपीसी की धारा 302, 201 और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत दोषी करार दिया गया।
दो साल आठ महीने तक इस पूरे मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट में कुल 47 गवाह पेश किए गए। 19 मई को ही इस पूरे मामले की सुनवाई पूरी हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 30 मई की तारीख निर्धारित की थी।
घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से अंकिता भंडारी ने रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। लेकिन, उन्हें नौकरी ज्वाइन किए 20 दिन भी पूरे नहीं हुए थे कि वह गायब हो गईं।
इसके बाद 24 सितंबर 2022 को चीला नदी से अंकिता भंडारी का शव बरामद हुआ था। इस हत्याकांड ने उत्तराखंड के लोगों को उद्वेलित कर दिया था। लोगों ने सड़क पर उतरकर इस हत्याकांड में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। लोगों ने इस मामले में पुलिस प्रशासन पर ढुलमुल रवैया अपनाने का भी आरोप लगाकर अपना आक्रोश जाहिर किया था।
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