चीन के अस्थिर संपत्ति क्षेत्र ने नाराज घर खरीदारों और निवेशकों के बीच सीसीपी विरोधी प्रदर्शनों की एक बड़ी लहर को जन्म दिया है, जो सरकार से अपने पैसे वापस करने की मांग कर रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों के कारण सोशल मीडिया पर भारी गुस्सा फैल गया है, और कई शहरों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर अपना गुस्सा जाहिर किया है।
संपत्ति क्षेत्र की समस्याएं पिछले कुछ वर्षों से धीरे-धीरे बढ़ रही हैं, लेकिन हाल ही में बड़े पैमाने पर दिवाला और परियोजनाओं में देरी के कारण वे सिर पर आ गई हैं। कई घर खरीदारों ने अपने घरों के लिए अग्रिम भुगतान किया है, लेकिन अब उन्हें पता चल रहा है कि वे कभी भी नहीं बनेंगे। इससे निवेशकों का भरोसा भी कम हुआ है, जिससे संपत्ति बाजार में और गिरावट आई है।
सीसीपी सरकार ने संपत्ति क्षेत्र को स्थिर करने के प्रयास किए हैं, लेकिन ये प्रयास अब तक असफल रहे हैं। इसने बैंकों को अस्थिर डेवलपर्स को ऋण देने में अधिक लचीलापन बनाया है, और इसने स्थानीय सरकारों को अचल संपत्ति परियोजनाओं को मंजूरी देने में अधिक शक्ति दी है। हालांकि, ये उपाय पर्याप्त नहीं रहे हैं, और कई विशेषज्ञों का मानना है कि संपत्ति क्षेत्र में और अधिक गिरावट आएगी।
संपत्ति क्षेत्र की समस्याओं का व्यापक अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव पड़ा है। अचल संपत्ति चीन की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके संघर्ष से अन्य उद्योगों, जैसे निर्माण और खुदरा बिक्री को भी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, संपत्ति क्षेत्र की समस्याओं ने चीनी उपभोक्ताओं के विश्वास को भी कम किया है, जिससे घरेलू खपत में गिरावट आई है।
सीसीपी सरकार के लिए संपत्ति क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करना एक बड़ी चुनौती है। सरकार नहीं चाहती कि संपत्ति बाजार में और गिरावट आए, क्योंकि इससे सामाजिक अशांति फैल सकती है। हालांकि, सरकार यह भी नहीं चाहती है कि अस्थिर डेवलपर्स को बचाया जाए, क्योंकि इससे बैंकों को और अधिक नुकसान होगा।
यह देखना बाकी है कि सीसीपी सरकार संपत्ति क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कैसे करेगी। हालांकि, यह स्पष्ट है कि इन समस्याओं का चीन की अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
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