ट्रेड वॉर के बावजूद भारत से आईफोन निर्यात करेगा एप्पल!

चीन पर निर्भरता घटाने की रणनीति

ट्रेड वॉर के बावजूद भारत से आईफोन निर्यात करेगा एप्पल!

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वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड वॉर के बावजूद, दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल भारत से आईफोन का निर्यात जारी रखने और उसे बढ़ाने की योजना बना रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी आयात पर भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद एप्पल अब भारत को एक भरोसेमंद वैकल्पिक उत्पादन और निर्यात केंद्र के रूप में देख रही है।

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में चीन से आयातित सामानों पर 34% तक टैरिफ लगा दिया है और संकेत दिए हैं कि यह दर 50% तक बढ़ सकती है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर समान टैरिफ लागू किया है, जिससे वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और बढ़ गई है। इस हालात में एप्पल जैसी कंपनियां, जिनका उत्पादन ढांचा चीन पर टिका हुआ है, अब वैकल्पिक मार्गों की तलाश कर रही हैं।

भारत पर अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ 26% है, जो चीन की तुलना में कम है। यही वजह है कि भारत से अमेरिका को आईफोन का निर्यात न केवल अधिक व्यावहारिक है, बल्कि लागत की दृष्टि से भी लाभकारी है। एप्पल अब भारत से सीधे अमेरिका को अधिक संख्या में आईफोन भेजने की योजना बना रहा है।

भारत में एप्पल के लिए उत्पादन फॉक्सकॉन और टाटा समूह द्वारा किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के बीच भारत से ₹1 लाख करोड़ से अधिक के आईफोन का निर्यात हुआ है। अगर यह रफ्तार बनी रहती है, तो आने वाले वर्षों में भारत एप्पल के ग्लोबल सप्लाई चेन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।

ट्रेड वॉर के असर से बीते तीन दिनों में एप्पल के शेयरों में 19% से अधिक गिरावट आई है। अगर टैरिफ बढ़ता रहा तो एक आईफोन की हार्डवेयर लागत $300 तक बढ़ सकती है, जो कि वर्तमान लागत $550 के मुकाबले काफी अधिक होगी। एप्पल इस अतिरिक्त लागत से बचने के लिए भारत जैसे देशों में अपने ऑपरेशंस को विस्तारित करने की दिशा में काम कर रहा है।

चीन से उत्पादन स्थानांतरित करना एप्पल के लिए एक लंबी और जटिल प्रक्रिया होगी, क्योंकि सप्लाई चेन, स्किल्ड लेबर और इन्फ्रास्ट्रक्चर की दृष्टि से चीन का विकल्प खोजना आसान नहीं है। बावजूद इसके, भारत ने हाल के वर्षों में विनिर्माण क्षेत्र में जिस तरह से प्रगति की है, वह एप्पल जैसे वैश्विक ब्रांडों के लिए भरोसा पैदा कर रहा है।

ट्रेड वॉर की अनिश्चितताओं के बीच भारत से आईफोन का निर्यात एप्पल की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा बन रहा है। यह न सिर्फ भारत के लिए आर्थिक अवसरों का विस्तार करेगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों को भी नई गति देगा। आने वाले समय में, भारत तकनीकी उत्पादन का नया वैश्विक केंद्र बन सकता है – खासकर तब जब दुनिया की बड़ी कंपनियां व्यापारिक स्थिरता की तलाश में हैं।

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