जनरल उपेंद्र द्विवेदी 2 जुलाई तक भूटान की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना है। यह यात्रा भारत-भूटान के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी और पारस्परिक विश्वास को दर्शाती है। दौरा भारत की अपने पड़ोसी देश भूटान के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराता है। सेना प्रमुख का यह दौरा दोनों राष्ट्रों के बीच पारंपरिक मित्रता तथा सहयोग को नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
इसी वर्ष रॉयल भूटान सेना के मुख्य परिचालन अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए थे। उनकी यात्रा के दौरान भारत ने भूटान को रक्षा तैयारियों में मदद देने की बात की थी। भारत द्वारा किए जाने वाले इस सहयोग को लेकर भूटान ने भारत की सराहना की है।
रॉयल भूटान आर्मी (आरबीए) के मुख्य परिचालन ऑफिसर बट्टू ने दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एक महत्वपूर्ण मुलाकात की थी। इस दौरान भारत और भूटान के बीच द्विपक्षीय संबंधों व विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई थी।
वार्ता के दौरान, रक्षा मंत्री ने अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार तथा भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को विशेष महत्व दिया। भारत की इसी नीति के अनुरूप, भूटान की क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा उपकरणों एवं संपत्तियों के प्रावधान किए गए हैं। लेफ्टिनेंट जनरल बट्टू शेरिंग ने भारत सरकार के निरंतर सहयोग की सराहना की थी।
उन्होंने भूटान को उसकी आधुनिक रक्षा क्षमताओं तथा आरबीए के प्रशिक्षण को बढ़ाने में सहायता करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया था। उन्होंने क्षेत्र में शांति और समृद्धि के लिए साझा दृष्टिकोण को साकार करने के उद्देश्य से भारत के साथ मिलकर कार्य करने की रॉयल भूटान आर्मी की दृढ़ प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की थी। अब भारतीय सेना प्रमुख के भूटान दौरे से दोनों देशों के संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
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