यहां तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की पहली खेप हिंडन एयरबेस पर सफलतापूर्वक उतारी गई है। ये अटैक हेलीकॉप्टर सेना के एविएशन विंग का हिस्सा होंगे।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय थल सेना के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया है। भारतीय सेना को ऐसे कुल छह हेलीकॉप्टर मिलने हैं। माना जाना है कि अमेरिका से शेष तीन हेलीकॉप्टर्स की डिलीवरी इस वर्ष के अंत तक हो जाएगी। अपाचे हेलीकॉप्टर को ‘फ्लाइंग तोप’ भी कहा जाता है। ये दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलीकॉप्टर में शुमार हैं।
अपाचे हेलीकॉप्टर में 30 एमएम चेन गन, रॉकेट पॉड्स, लेजर और रडार-निर्देशित हेलफायर मिसाइलें हैं। ये घातक हेलीकॉप्टर एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकते हैं।
यही कारण है कि भारतीय थल सेना को अटैक अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने से सेना की शक्ति में तो जबरदस्त इजाफा हुआ है, इसके साथ ही सेना के रिस्पांस टाइम में भी तेजी आएगी।
सेना के एविएशन कोर को मिलने वाले अपाचे हेलीकॉप्टर की यह पहली खेप है, जोकि मंगलवार को भारत पहुंची है। सेना का मानना है कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस ये हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की संचालन क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे।
सेना का कहना है कि इन अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती से थल सेना को आधुनिक युद्धक अभियानों में तेज, सटीक और शक्तिशाली हवाई समर्थन मिलेगा। भारतीय सेना ने इसे एक मील का पत्थर करार दिया है। भारतीय थल सेना की मारक क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया यह एक अहम कदम है।
गौरतलब है कि अपाचे हेलीकॉप्टर की गिनती एडवांस कॉम्बेट हेलीकॉप्टरों में होती है। सेना अपने इन अटैक हेलीकॉप्टर्स को पाकिस्तानी सीमा के करीब जोधपुर में तैनात कर सकती है। अपाचे हेलीकॉप्टर के रूप में भारतीय सेना को एक और घातक हथियार मिला है।
इन हेलीकॉप्टर्स में लॉन्गबो रडार है जो कि एक उन्नत रडार प्रणाली है। यह एक साथ 128 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से 16 को सेकंड में निशाना बना सकती है।
वहीं हेलफायर मिसाइलें हवा से सतह पर मार करने करती हैं। ये मिसाइलें टैंक व बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए विकसित की गई हैं। इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट हैं। इसकी स्वचालित तोप उच्च दर की फायरिंग करती है, जो इसे नजदीकी लड़ाई में कारगर बनाती है।
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