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एक्सिओम-4 मिशन फिर टला, इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने बताई देरी की वजह

11 जून को उड़ान भरने वाला मिशन अब अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

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भारतीय अंतरिक्ष प्रेमियों को जिस पल का लंबे समय से इंतजार था, वह एक बार फिर टल गया। 11 जून 2025 को लॉन्च होने वाला एक्सिओम-4 मिशन (Ax-4 Mission) एक बार फिर तकनीकी कारणों से स्थगित कर दिया गया है। यह चौथी बार है जब इस मिशन की तारीख बदली गई है। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने खुद इस देरी की अहम वजह साझा की है।

इसरो ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से जानकारी साझा करते हुए लिखा, “इसरो, नासा, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स मिलकर आईएसएस (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन) के ज्वेज्दा मॉड्यूल में आई तकनीकी समस्या को जिम्मेदारी के साथ सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। सुरक्षा और मिशन की अखंडता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

लॉन्च से ठीक पहले 11 जून को फाल्कन-9 रॉकेट के बूस्टर स्टेज की लॉन्च पैड पर 7 सेकंड की ‘हॉट टेस्टिंग’ की गई थी। इस दौरान रॉकेट के प्रोपल्शन बे में लिक्विड ऑक्सीजन (LOX) का रिसाव पाया गया। इस गड़बड़ी के बाद इसरो, एक्सिओम स्पेस और स्पेसएक्स के वैज्ञानिकों के बीच गहन चर्चा हुई। सभी विशेषज्ञों ने मिलकर तय किया कि मिशन को तब तक स्थगित रखा जाएगा जब तक यह रिसाव पूरी तरह ठीक न हो जाए और परीक्षण दोबारा सफलतापूर्वक न हो जाए।

इस ऐतिहासिक मिशन में भारत की ओर से शुभांशु शुक्ला शामिल हैं, जो अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय वाणिज्यिक गगनयात्री होंगे। एक्सिओम-4 मिशन के तहत चार देशों के चार अंतरिक्ष यात्रियों को 14 दिन के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा जाना है। भारत सरकार ने इस मिशन में भागीदारी के लिए 550 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

इससे पहले भी एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग में देरी हो चुकी है। 29 मई को भी इस मिशन को लॉन्च किया जाना था, लेकिन उस समय भी तकनीकी खामियों के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था। अब तक कुल चार बार मिशन की लॉन्चिंग की तारीख बदली जा चुकी है। यह स्थिति भले ही मिशन की वैज्ञानिक जटिलताओं को दर्शाती हो, लेकिन लगातार हो रही देरी ने मिशन की तैयारियों को लेकर चिंता जरूर बढ़ा दी है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरिक्ष अभियानों में सुरक्षा सर्वोपरि होती है और किसी भी प्रकार का समझौता मिशन की सफलता को खतरे में डाल सकता है।

मिशन विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी जटिल और अंतरराष्ट्रीय सहयोग वाली उड़ानों में इस प्रकार की तकनीकी चुनौतियाँ सामान्य हैं, लेकिन यह ज़रूर दिखाता है कि सभी एजेंसियाँ सुरक्षा और परफॉर्मेंस से कोई समझौता नहीं करना चाहतीं।

इसरो और स्पेसएक्स की टीमों ने एलओएक्स रिसाव की मरम्मत शुरू कर दी है। नई लॉन्च तिथि की घोषणा जल्द किए जाने की उम्मीद है। तब तक भारत को अपने पहले गगनयात्री को अंतरिक्ष में भेजने का सपना थोड़ा और इंतजार कराना होगा। भारत के लिए यह मिशन ऐतिहासिक है, क्योंकि गगनयान प्रोग्राम से पहले यह भारतीय नागरिक की पहली व्यावसायिक अंतरिक्ष यात्रा होगी। सभी की निगाहें अब नई लॉन्च विंडो और इस मिशन की अगली घोषणा पर टिकी हैं।

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