अयोध्या: इकबाल अंसारी और आचार्य परम हंस ने खेली होली, उड़े अबीर-गुलाल! पेश की एकता की मिसाल!

रामराज की होली का दुनिया में डंका बजेगा। इसमें हमारे इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। दुनिया में चाहे जितना नफरत फैला लें, लेकिन अब मानवता स्थापित होकर रहेगी।

अयोध्या: इकबाल अंसारी और आचार्य परम हंस ने खेली होली, उड़े अबीर-गुलाल! पेश की एकता की मिसाल!

Iqbal-Ansari-and-Acharya-Param-Hans-played-Holi-in-the-Ram-Mandir-premises-and-said-–-Hatred-will-be-goodbye

रामनगरी अयोध्या में होली के त्यौहार में एकता और सौहार्द का रंग चढ़ता नजर आ रहा है। बाबरी मस्जिद के पैरोकार रहे इकबाल अंसारी ने आचार्य परमहंस के साथ होली खेली। इस दौरान उन्होंने एक-दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली का जश्‍न मनाया।

इस मौके पर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा क‍ि होली के त्योहार के मौके पर राम मंदिर के प्रांगण में रामभक्तोंं, साधु संतों के साथ बाबरी मस्‍ज‍िद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी भी पुष्प वर्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर परिसर में रामराज की होली हो रही है।

आचार्य का कहना था कि यह मानवता की होली है। इससे रामभक्त काफी प्रसन्न हैं। रामराज की होली का दुनिया में डंका बजेगा। इसमें हमारे इकबाल अंसारी भी शामिल हैं। दुनिया में चाहे जितना नफरत फैला लें, लेकिन अब मानवता स्थापित होकर रहेगी। दुनिया में रामराज्य स्थापित होगा। नफरत अलविदा होगी। जो नफरत फैला रहे हैं, वो अपने आप राम जी के रंग में रंग जाएंगे।

इस मौके पर उन्होंने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी पर बना गाना भी गाया। उन्होंने कहा होली रंगों का त्योहार है, इसके साथ रंग बिरंगी खुशियां एक दूसरे को बांटनी चाहिए। इस दौरान साधु संतों के साथ होली खेली जा रही है। यह खुशियों की होली होती है। इससे सब खुश हैं। हमें इस त्योहार में बहुत अच्छा लगता है। इस कारण इसे मनाने के लिए इसमें शामिल हुए हैं।

इकबाल ने भगवा रंग के सवाल पर कहा कि उसका इस्तेमाल सबसे पहले करते हैं। हमारे यहां पहले जो चावल बनता था, उसे भगवा रंग से ही रंगते थे। होली में साधु-संतों के साथ मंदिरों और मठों में खेलता रहा हूं। उन्होंने कहा कि होली एकता और सौहार्द का त्योहार है। कुछ चंद लोग इसको लेकर बयानबाजी करते हैं। वो होली के बारे में जानते ही नहीं हैं।

यह भी पढ़ें-

मॉरीशस: पीएम मोदी ने कहा, यहां की मिट्टी में ‘हमारे पूर्वजों’ का ‘खून-पसीना समाहित है’!

Exit mobile version