कनाडा के ब्रैम्पटन में हिन्दू मंदिर पर हमले के बाद अब विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल ने बुधवार (6 नवंबर) को कनाडाई दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है। बता दें कनाडा में हिंदुओं पर लगातार हमलें हो रहें है, जिनमें कनाडाई सरकार विशेषतः कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो की खालिस्तानी तुष्टिकरण की राजनीति के कारण यह हमलें होते दिखाई दे रहें है।
दरसल कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में स्थित हिंदू सभा के मंदिर में दिवाली मनाने इकठ्ठा हुए श्रद्धालुओं पर खालिस्तानीयों ने हमला किया, जिसके बाद मौके पर आयी पुलिस ने खालिस्तानियों को रोकने के बजाए पीड़ित हिंदूओं को प्रताड़ित किया साथ ही उनसे हिंसक व्यव्हार करते हुए गिरफ्तार भी किया। बताया गया है की कनाडाई पुलिस में भारी संख्या में शामिल खालिस्तानी यहां मौजूद थे। इस मामले के बाद पुरे भारत भर से आक्रोश और प्रातक्रिया आरही है। इसी के साथ खालिस्तानियों के माध्यम से कई बार भारतीय राजनयिकों भी निशाना बनाया गया है, उनके वास्तव्य, और जीवन को असहज बनाने की हर मुमकीन कोशिश की गई है।
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दरम्यान विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की आवाज़ कनाडा दूतावास के माध्यम से कनाडा सरकार के कानोंमें गूंजे इस हेतु से बुधवार (6 नवंबर) को शाम 3:30 बजे से मुंबई के प्रभादेवी में स्थित कनाडा दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। इस प्रदर्शन का विषय “कॅनडा में हिन्दू मंदिरों पर हुए खालिस्तानी आतंकी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन…” बताया गया है। इसी के साथ हिंदू समाज को भारी संख्या में सम्मिलित होने का निवेदन भी किया गया है।
दौरान विश्व हिंदू परिषद कोंकण प्रांत के प्रांत मंत्री मोहन सालेकर ने न्यूज़ डंका से बात करते हुए कहा, कनाडा में हिंदू मंदिरों और श्रद्धालुओं पर हमले की घटनाएं वहां की सरकार, खासकर प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा खालिस्तानियों के तुष्टिकरण के कारण होती हैं। उन्होंने कहा, “अपनी राजनिती बरकरार रखने के लिए प्रधानमंत्री ट्रुडो खालिस्तानियों की दाढ़ी के बाल सहला रहें है। सबसे गंभीर बात यह है कि जब उक्त मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला हो रहा था तो पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी। हालांकि हमले में घायल हुए श्रद्धालु धर्म से हिंदू हैं, लेकिन वे कनाडा के नागरिक हैं। उनकी सुरक्षा करना कनाडा सरकार का कर्तव्य है। विश्व हिंदू परिषद ने मांग की है कि वे उस राजधर्म का पालन करें और हमलावरों को सख्त शासन दें।”