बांग्लादेश में अराजकता के माहौल के चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर भारत में शरण लेना पड़ा। बांग्लादेश में फिलहाल अमरीका के उंगलियों पर नाचने वाली अंतिरीम सरकार बनाई गई है ऐसा कहा जा रहा है। बांग्लादेश में चल रही मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार अब तक बांग्लादेश में चल रहे अराजक वातावरण को रोकने में नाकाम रही है। वहीं बांग्लदेश के अल्पसंख्यांक एवं हिंदुओं पर अत्याचार थम ही नहीं रहे। हिंदुओं के जान माल के साथ इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदुओं की नौकरियां भी छीनना शुरु किया है। ऐसे में बांग्लादेश की सरकार ने आतंकवादी संगठन चलाने वाले साथ ही अल कायदा से जुड़े मुफ़्ती जसीमुद्दीन रहमानी को जेल से रिहा किया है।
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कहा जा रहा है, इस खबर के साथ बांग्लादेश में बसने वाले हिंदू के साथ भारत की सीमाएं भी असुरक्षा के घेरे में आ गई है। बांग्लादेश की सरकार द्वारा आतंकी गतिविधियों में शामिल मुफ़्ती जसीमुद्दीन रहमानी की रिहाई के बाद बांग्लादेश के हिंदू और भी असुरक्षीत महसूस कर रहें है। आपको बता दें, जसीमुद्दीन रहमानी अल कायदा से जुड़ा संघटन चलता है। साथ ही जसीमुद्दीन ने कई बार भारत विरोधी बयानबाजी कर बांग्लादेश के कट्टरपंथियों को अपने संघटन में जोड़ा है।
बताया जाता है की मुफ़्ती रहमानी, ‘अंसारूल्ला बांग्ला टीम’ का सदस्य है और बांग्लादेश की सरकार द्वारा उसे आतंक से जुड़े सभी मामलों में जमानत दी गई है। वहीं आलोचकों ने कहा है की अराजकता फ़ैलाने वाले कट्टरपंथियों की मांग को पूरा कर बांग्लादेश अपने पैरों में कुल्हाड़ी चला रहा है।
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