बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति एक बार फिर तनावपूर्ण होती जा रही है। शुक्रवार (19 दिसंबर) को चर्चित भारत-विरोधी कार्यकर्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद राजधानी ढाका समेत कई इलाकों में हिंसा और अशांति बढ़ गई है। हालात को काबू में रखने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी है। सत्ता के शीर्ष पर बैठे मुहम्मद यूनुस ने हादी के पार्थिव शरीर के सिंगापुर से ढाका पहुंचने से पहले बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) को शहर के संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिया है।
BGB ने शुक्रवार (19 दिसंबर) को एक बयान में बताया कि ढाका एयरपोर्ट क्षेत्र, कारवां बाजार, होटल इंटरकॉन्टिनेंटल जोन सहित राजधानी के कई प्रमुख स्थानों पर जवानों की तैनाती की गई है। हादी का जनाज़ा शनिवार (20 दिसंबर) को ज़ुहर की नमाज़ के बाद मणिक मिया एवेन्यू पर निकाला जाएगा।
शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के मध्य क्षेत्र बिजयनगर में एक चुनावी अभियान के दौरान गोली मारी गई थी। गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, जहां छह दिनों तक उपचार के बाद उसने आखरी साँस ली। कट्टरपंथी छात्र नेता की मौत के बाद से देश में तनाव और विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
इस बीच, भारत भी पड़ोसी देश में बिगड़ते हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है। सुरक्षा कारणों से अस्थायी रूप से बंद किया गया ढाका स्थित इंडिया वीज़ा एप्लीकेशन सेंटर (IVAC) गुरुवार (18 दिसंबर) को फिर से खोल दिया गया। हालांकि, सुरक्षा चिंताओं के चलते खुलना और राजशाही स्थित IVAC केंद्र अब भी बंद हैं। बुधवार (17 दिसंबर) को ‘जुलाई ओइक्य’ के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे एक समूह को ढाका पुलिस ने भारतीय उच्चायोग का घेराव करने से रोक दिया था। उसी दिन भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हमीदुल्लाह को तलब कर सुरक्षा स्थिति पर औपचारिक आपत्ति दर्ज कराई थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ रही है। अमेरिका ने शनिवार (20 दिसंबर) को बांग्लादेश के लिए अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की। इसमें ढाका में संभावित व्यवधानों की चेतावनी देते हुए यात्रा योजनाओं पर पुनर्विचार और सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
इसी बीच, हालिया हिंसा के दौरान एक गंभीर सांप्रदायिक घटना भी सामने आई है। मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में गुरुवार (18 दिसंबर) को एक इस्लामवादी भीड़ ने कथित ईशनिंदा के आरोप में हिंदू युवक दीपुचंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसे पेड़ से बांधकर आग लगा दी। इस घटना ने बंगलादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओ की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है।
भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना की पूर्वी कमान के जीओसी-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने दक्षिण त्रिपुरा जिले के बेलोनिया बॉर्डर आउटपोस्ट का दौरा कर हालात की समीक्षा की। उनके साथ कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे। बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता के बीच भारत स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और सीमा सुरक्षा सहित कूटनीतिक स्तर पर आवश्यक कदम उठा रहा है।
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