बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतविरोधी, इस्लामी कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के मामले में जांच एजेंसियों को एक बड़े वित्तीय नेटवर्क का पता चला है। ढाका पुलिस की क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने खुलासा किया है कि इस हत्याकांड से जुड़ा करीब 127 करोड़ बांग्लादेशी टका का मनी ट्रेल सामने आया है। हालांकि, इस मामले का मुख्य आरोपी फैसल करीम मसूद अब भी फरार है और अधिकारी यह पुष्टि नहीं कर पा रहे हैं कि वह देश छोड़कर भाग चुका है या नहीं।
अधिकारियों के अनुसार, जांच के दौरान फैसल करीम मसूद से जुड़े बैंक खातों से लगभग 67 लाख टका जब्त किए गए हैं। इसके अलावा, छापेमारी के दौरान कई चेक बुक भी बरामद हुई हैं, जिनमें लगभग 200 करोड़ टका के बिना भुनाए गए चेक शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि ये बड़े लेनदेन 12 दिसंबर को हुई गोलीबारी से ठीक पहले किए गए थे और इनका संबंध हमले की योजना और उसके क्रियान्वयन से हो सकता है।
रविवार (21 दिसंबर) को आयोजित एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में रैपिड एक्शन बटालियन (RAB), बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB), गृह मंत्रालय और ढाका पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि मुख्य आरोपी के खिलाफ देशभर में लुकआउट नोटिस और यात्रा प्रतिबंध लागू है। इसके बावजूद, वे यह स्पष्ट नहीं कर सके कि फैसल करीम मसूद ने सीमा पार की है या नहीं। अधिकारियों ने माना कि आरोपी की लोकेशन ट्रेस करना इस समय जांच की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
शरीफ उस्मान हादी पिछले वर्ष हुए जुलाई में छात्र आंदोलन की आड़ में तख्तापलट के लिए चलाए अभियान में जुड़ा एक छात्र नेता था। 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर इलाके में बेहद करीब से उस पर गोली चलाई गई थी। गंभीर हालत में हादी को पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने ब्रेन स्टेम को गंभीर नुकसान होने की पुष्टि की। बाद में उसे इलाज के लिए सिंगापुर एयरलिफ्ट किया गया, लेकिन 18 दिसंबर को हादी की मौत हो गई।
हादी की मौत के बाद पूरे बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन भड़क उठे। ढाका के शाहबाग चौराहे पर बड़ी संख्या में लोग जुटे और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी तथा न्याय की मांग की। इस घटनाक्रम के चलते अंतरिम सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
हादी के नेतृत्व वाले मंच इंकलाब मंच ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया, तो वह अंतरिम सरकार के खिलाफ जनआंदोलन शुरू करेगा। हादी की नमाज़-ए-जनाज़ा के दौरान दिए गए 24 घंटे के अल्टीमेटम के बाद भी कोई गिरफ्तारी न होने पर मंच ने अपना रुख और कड़ा कर लिया है।
द डेली स्टार के हवाले से मंच के सदस्य सचिव अब्दुल्ला अल जाबेर ने कहा, “हालांकि समय सीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन सलाहकार या संबंधित अधिकारियों की ओर से आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस कदम नजर नहीं आया है।” उन्होंने एक विरोध जुलूस की घोषणा करते हुए कहा कि संगठन यह तय करेगा कि वह मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार का समर्थन जारी रखे या आंदोलन को और तेज करे। फिलहाल, जांच एजेंसियां मनी ट्रेल और वित्तीय लेनदेन के आधार पर साजिश की परतें खोलने में जुटी हैं, जबकि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
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