नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों के विरोध में बुलाये गए भारत बंद में दो फाड़ हो गई है। भारतीय किसान यूनियन (भानु ) गुट ने इस आंदोलन से दूरी बना ली है। ितं ही नहीं भानू ने किसान नेता राजेश टिकैत पर जबरदस्त हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन जो आतंकी गतिविधियों में शामिल हो सरकार उनको दबाने की कोशिश करे।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप ने भारत बंद से अपने संगठन को अलग करते हुए पदाधिकारियों से दूर रहने को कहा है। किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, ‘मैं सभी पदाधिकारियों, ब्लॉक, ज़िला, मंडल, प्रदेश सबको आह्वान करता हूं कि भारत बंद का कोई सहयोग ना करे और इसका विरोध करें। ऐसे संगठन जो आतंकी गतिविधियों में शामिल है उनको सरकार दबाने की कोशिश करें।’ भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत बंद से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा।
साथ ही भानु प्रताप सिंह ने राकेश टिकैत की तुलना तालिबान से की है। उन्होंने कहा, ‘क्या भारत बंद करके ये (राकेश टिकैत) अपनी आतंकवादी गतिविधियों को और बढ़ाना चाहते हैं? आतंकी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान में कब्जा किया, उस तरह की गतिविधियों को ये बढ़ाना चाहते हैं।’ गौरतलब है कि आज देशभर में संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को तीन कृषि कानूनों के विरोध में बंद का आह्वान किया है। इसके तहत देशभर में जगह जगह सड़कों को बंद कर दिया गया है। रेलवे यातायात को भी रोक दिया गया है। किसानों के साथ साथ तमाम राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने भी शुरुआत में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया था। भानु गुट का धरना प्रदर्शन नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर चला था। हालांकि 26 जनवरी की घटना के बाद किसान यूनियन (भानु) ने आंदोलन से अलग कर लिया था और साथ ही साथ नोएडा-दिल्ली बॉर्डर खाली कर दिया था। मालूम हो कि भारत बंद का कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। भारत से कई राज्यों में यातायात में लोगों काफी परेशानी का सामना करना पद रहा है।