विज्ञान के इस युग में आज भी लोग अंधविश्वास से अपना पीछा नहीं छुड़ा पा रहे है| इसी कड़ी में पलक झपकते ही सब कुछ पाने की अंधी अभिलाषा में इंसान कुछ समय के लिए विवेकशून्य हो जाता है| और फिर वह ऐसे भोदू बाबाओं (तांत्रिकों) के चंगुल में फंस पर सब कुछ लूटा देता है,जिसका परिणाम इतना भयानक होता है की उसकी पूरी दुनिया ही उजड़ जाती है| यही नहीं अब अंध विश्वास का जिन्न राजस्थान के विधानसभा तक भी पहुंचता दिखाई दे रहा है|
सोशल मिडिया व इंटरनेट के ज़माने भी लोग तांत्रिकों के चंगुल से बाहर आते नहीं दिखाई दे रहे हैं| इन तांत्रिकों द्वारा अपनी कथित क्रियाओं से कई मासूमों की बलि चढ़ा दी। असाध्य बीमारी से छुटकारे के नाम पर गर्म सरिया से बच्चों को दागा जाता है। अधमरा कर दिया जाता है।
एक तांत्रिक ने तो अमीर बनने के लिए श्मशान में दबे 30 बच्चों के शव कब्र से बाहर निकाल डाले। करोड़पति बनने की चाह में 11 साल के बच्चे की बलि दे दी गई। जांच में पाया गया कि राजस्थान में प्रति वर्ष 200 से ज्यादा ऐसे मामले आते हैं। टोने-टोटकों की आड़ में 50 से ज्यादा लोगों को जान देनी पड़ती है। राजस्थान के कुछ जिले है, जहां आज भी तांत्रिकों का गढ़ माना जाता है।
टोना-टोटका कराने से परेशान बेटे ने 4-5 दिन पहले पिता की हत्या कर दी थी। मामला दौसा के मेहंदीपुर बालाजी के पास का है। राजसमंद में 13 महीने के बीमार बच्चे को परिजन भोदू बाबा (तांत्रिक) के पास ले गए। उसके शरीर में मात्र 2 ग्राम ही खून बचा था। बच्चे की हालत बिगड़ी तो सरकारी अस्पताल के एक डॉक्टर ने अपना खून देकर जान बचाई। इस तरह न जाने कितने उदाहरण देखने को मिल रहे हैं|