मथुरा। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी मथुरा में थे। उन्होंने इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थली पहुंच कर पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान दो बड़ी घोषणाएं की। जिसमें एक ,मथुरा में मांस और शराब बिक्री पर रोक लगाने का ऐलान किया तो दूसरी घोषणा में उन्होंने कहा कि इससे प्रभावित लोगों व्यवस्थित पुनर्वास किया जाएगा। सीएम योगी ने हिन्दू त्योहारों पर राजनीति करने वाले दलों को भी खरी खोटी सुनाई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘चार वर्ष पूर्व 2017 में यहां की जनता की मांग पर मथुरा एवं वृन्दावन नगर पालिकाओं को मिलाकर नगर निगम का गठन किया गया था। फिर यहां के सात पवित्र स्थलों को राजकीय रूप से तीर्थस्थल घोषित किया। अब जनता की कामना है कि इन पवित्र स्थलों पर मद्य एवं मांस की बिक्री न की जाए, तो मैं आश्वस्त करता हूं कि ऐसा ही होगा।’ उन्होंने इसके लिए जिला प्रशासन को अपेक्षित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मथुरा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महिमा को पुनर्जीवित करने के लिए शराब और मांस के व्यापार में लगे। इससे प्रभावित लोग दूध बेचना शुरू कर सकते हैं। द्वापर युग का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध उत्पादन और दूध की बिक्री के क्षेत्र में लोगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इससे पहले सीएम योगी ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचकर ठाकुर बांके बिहारी लाल और राधारानी की पूजा कर दर्शन किए। इस मौके पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण से दुनिया से कोरोना महामारी का अंत करने की प्रार्थना की। योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘पिछले तीन वर्ष से ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित जन्माष्टमी कार्यक्रम में आने की बहुत कामना थी। लेकिन किसी न किसी अपरिहार्य कारण के चलते ऐसा नहीं हो पाया।
लेकिन अब जब यहां आया हूं तो भगवान से यही कामना लेकर आया हूं कि वह इस कोरोना रूपी राक्षस का अंत कर दुनिया को त्रास से मुक्ति दिलाएं। इसने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना से बहुतों ने अपने लोगों को खोया है. हम उन सभी के साथ सहानुभूति रखते हैं. देश ने प्रधानमंत्री के निर्देशन में कोरोना से लड़ने का कार्य किया है। लेकिन महामारी के दौरान सरकारी संसाधन अक्सर कम पड़ जाते हैं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा,पिछले एक सप्ताह पूर्व मथुरा में भी कुछ बच्चों के डेंगू की चपेट में आने की जानकारी मिली थी। तब, छह-सात बच्चे इसकी चपेट में आकर असमय काल-कवलित हो गए थे। फिरोजाबाद में भी मथुरा के समान ही अनेक बच्चे डेंगू आदि मौसमी बीमारियों से असमय ही काल के हाथों जान गवां बैठे. उन सभी परिवारों के साथ हमारी पूरी संवेदना है।