रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सुरक्षा क्षमताओं को मजबूती देने के लिए एक बड़ी रक्षा डील को अंतिम रूप दिया है। यह सौदा करोड़ों रुपये का है और इसके तहत अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, रक्षा उपकरण या स्वदेशी उत्पादन को प्राथमिकता दी जा सकती है। इस कदम से ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत मिशन को भी मजबूती मिलेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस के साथ एक महत्वपूर्ण रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह डील भारतीय नौसेना के लिए राफेल एम (Rafale-M) लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर हुई है, जिसकी लागत हजारों करोड़ रुपये बताई जा रही है।
यह सौदा भारत की समुद्री शक्ति को और मजबूत करेगा। समझौते के तहत विमानों की डिलीवरी तय समय पर की जाएगी और इसमें भारतीय पायलटों के लिए प्रशिक्षण, रखरखाव और तकनीकी सहयोग भी शामिल है। यह सौदा ‘मेक इन इंडिया’ के तहत रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण को भी प्रोत्साहित करेगा।
ड्रोन डील पर फोकस: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आधुनिक युद्ध तकनीक को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये की ड्रोन डील को अंतिम रूप दिया है। यह डील एक विदेशी और स्वदेशी रक्षा कंपनी के साथ हुई है, जिसके तहत भारतीय सेना को निगरानी, टारगेटिंग और हमले में सक्षम ड्रोन मिलेंगे। यह कदम भारतीय सीमाओं की निगरानी और आतंकवाद रोधी अभियानों को और अधिक सशक्त बनाएगा।
मिसाइल प्रणाली पर डील: रक्षा मंत्रालय ने एक अहम फैसले के तहत आधुनिक मिसाइल प्रणाली की खरीद और निर्माण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और एक निजी कंपनी के साथ अरबों रुपये की डील को मंजूरी दी है। यह डील सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली (LR-SAM) या हाइपरसोनिक क्षमताओं से लैस हथियार प्रणालियों को लेकर हो सकती है। इससे भारत की सामरिक ताकत को नई ऊंचाई मिलेगी।
रडार सिस्टम डील: राजनाथ सिंह ने दुश्मन की घुसपैठ को समय रहते पहचानने और निगरानी व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से रडार सिस्टम की खरीद हेतु एक बड़ी डील पर हस्ताक्षर किए हैं। यह रडार सिस्टम थल, जल और वायु - तीनों ही मोर्चों पर सुरक्षा को बेहतर बनाएगा। डील के तहत भारत को सीमावर्ती क्षेत्रों में मल्टी-डायमेंशनल सर्विलांस क्षमता प्राप्त होगी।
हेलिकॉप्टर डील: भारतीय थल सेना और वायुसेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने करोड़ों रुपये की हेलिकॉप्टर डील को मंजूरी दी है। यह डील स्वदेशी और विदेशी कंपनियों के साथ हुई है, जिसके तहत युद्ध, बचाव और आपूर्ति कार्यों में उपयोग होने वाले मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर भारतीय सेनाओं को प्रदान किए जाएंगे। इससे भारत की सामरिक और आपदा प्रबंधन क्षमता को मजबूती मिलेगी।
2029 तक 3 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन लक्ष्य पर केंद्रित है भारत: राजनाथ!
