सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार 19 फरवरी को ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर बड़ी सुनवाई होनेवाला है। ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेंटिंग कराने के मामले पर आज कोर्ट सुनवाई करेगा। बता दें कि शिवलिंग की कॉर्बन डेंटिंग से उसके आयु के बारे में पता लगाया जा सकता है। जिससे ज्ञानवापी विवाद का पटाक्षेप करने में बड़ी मदद मिल सकती है। पिछले दिनों ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिवलिंग के कॉर्बन डेंटिंग कराए जाने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद सर्वोच्च कोर्ट याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया।
ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से वकील हुजेफा अहमदी अदालत में पक्ष रखेंगी। इस मामले में हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट में पहले ही कैविएट दाखिल कर चुका है। इसका मतलब है कि अदालत उनका पक्ष जाने कोई फैसला नहीं सुनाएगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने शुक्रवार का दिन याचिका की सुनवाई के लिए तय किया था।
ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग के मिलने के बाद से ही लगातार हिंदू पक्ष इसके साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेंटिंग कराने की मांग करता रहा है। जबकि मुस्लिम पक्ष इसका विरोध करता रहा हैं। वहीं मामला जब वाराणसी के लोअर कोर्ट पहुंचा तो वहां फैसला मुस्लिम पक्ष के हिस्से आया। इसके बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बरकरार रखने वाले आदेश का हवाला देते हुए कॉर्बन डेंटिंग कराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
वहीं निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। 12 मई को इस पर उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया जो कि हिंदू के पक्ष में था। हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और ज्ञानवापी मस्जिद की तरफ से एसएफए नकवी ने पक्ष रखा था। इसके बाद हाईकोर्ट ने कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेंटिंग कराने पर हामी भर दी।
कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से पेश की गई रिपोर्ट पर आदेश दिया था, जिसमें एएसआई ने कहा था कि शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बिना साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है। हाईकोर्ट में केंद्र सरकार के सीनियर वकील मनोज सिंह ने भी एसआई के जवाब पर अपनी सहमति प्रकट की थी। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि शिवलिंग की कॉर्बन डेंटिंग कैसे होगी, इस पर वाराणसी कोर्य निर्णय लेगा और उन्हीं की निगरानी में फैसला लिया जाएगा।
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