लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षित बेरोजगार और अर्द्धकुशल श्रमिकों को रोजगार देने के लिए पहल की है। सरकार ने विभिन्न विभागों में एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर मानदेय के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया है।
कोरोना काल में बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए युवाओं को प्रदेश में ही नौकरी देने की तैयारी की है।सरकार ने शिक्षित बेरोजगारों, महिलाओं और अर्द्धकुशल श्रमिकों को गांवों में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए कुछ विभागों में मानदेय पर भर्तियां शुरू की है। पिछले दिनों कैबिनेट ने 58 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में हर ग्राम पंचायत में एक पंचायत सचिव कम अकाउंटेंट नियुक्ति करने का फैसला किया है। प्रत्येक पंचायत सचिव को छह हजार रुपये महीने मानदेय दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसकी प्रक्रिया छह महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मनरेगा में कामकाज के पर्यवेक्षण के लिए 22 हजार से अधिक महिला मेट की नियुक्ति की जाएगी।
महिला मेट का चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिये किया जाएगा। प्रत्येक महिला मेट को हर महीने 8 हजार 400 रुपये महीने से अधिक मानदेय मिलेगा। मनरेगा के नियमों के तहत 50 श्रमिकों के कामकाज पर निगरानी के लिए एक मेट की नियुक्ति का प्रावधान है। प्रदेश सरकार ने 50 प्रतिशत महिला मेट नियुक्त करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में वर्तमान में करीब 22 लाख से अधिक श्रमिक प्रतिदिन मनरेगा में काम कर रहे हैं। ऐसे में करीब 44 हजार मेट नियुक्त होने है, इनमें से 22 हजार महिला मेट नियुक्त की जाएंगी।
महिला मेट का चयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिये किया जाएगा। प्रत्येक महिला मेट को हर महीने 8 हजार 400 रुपये महीने से अधिक मानदेय मिलेगा। मनरेगा के नियमों के तहत 50 श्रमिकों के कामकाज पर निगरानी के लिए एक मेट की नियुक्ति का प्रावधान है। प्रदेश सरकार ने 50 प्रतिशत महिला मेट नियुक्त करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में वर्तमान में करीब 22 लाख से अधिक श्रमिक प्रतिदिन मनरेगा में काम कर रहे हैं। ऐसे में करीब 44 हजार मेट नियुक्त होने है, इनमें से 22 हजार महिला मेट नियुक्त की जाएंगी।