गुरुवार (10 अक्टूबर) को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने एक्स अकाउंट से अरशद नामक व्यक्ति द्वारा संचालित ‘ऑर्केस्ट्रा’ में छह लड़कियों के शोषण के मामले का खुलासा किया। कानूनगो ने कहा कि एनसीपीसीआर के निर्देश पर सीवान पुलिस ने छापेमारी की और लड़कियों को बचाया।
कानूनगो ने आरोपी अरशद आलम का एक वीडियो बयान भी साझा किया, जिसमें आरोपी स्पष्ट रूप से बता रहा है कि कैसे उसने ‘प्यार’ के नाम पर एक नाबालिग लड़की को तैयार किया और उसका शोषण किया। गोपालगंज निवासी ने बताया कि उसने दुर्गापुर निवासी एक नाबालिग लड़की को अपने जाल में फंसाया और कहा कि उसने उससे ‘लव मैरिज’ की है और अब उसके साथ जाकर निकाह करेगा।
मामले में कारवाई तब हुई जब मिशन मुक्ति फाउंडेशन नाम के एक एनजीओ ने नाबालिगों सहित लड़कियों के शोषण के बारे में एनसीपीसीआर से शिकायत की। एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने बताया “अरशद आलम बिहार में एक ऑर्केस्ट्रा चलाता है जहां मिशन मुक्ति फाउंडेशन ने नाबालिग लड़कियों के शोषण के बारे में शिकायत की थी। एनसीपीसीआर के निर्देश के बाद, सीवान पुलिस ने आज सुबह छापेमारी की और 6 लड़कियों को बचाया।”
अरशद आलम बिहार में आर्केस्ट्रा चलाता है जहां मिशन मुक्ति फाउंडेशन द्वारा नाबालिग लड़कियों के शोषण की शिकायत की गई थी। @NCPCR_ के निर्देश के बाद आज तड़के सिवान पुलिस ने छापामार कार्रवाई कर के 6 लड़कियों को रेस्क्यू किया है।
अरशद का बयान सुन लीजिए “लव” के नाम पर नाबालिग लड़की को… pic.twitter.com/kR1qosqQfO
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) October 10, 2024
एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने कहा, “अरशद का बयान सुन लीजिए “लव” के नाम पर नाबालिग लड़की को ग्रूम करके शोषण करना इनका अपराध करने का तरीक़ा है। वीडियो जनजागरण के उद्देश्य से पोस्ट किया है ताकि समाज जाग सके और बेटियाँ बचाई जा सकें।”
यह भी पढ़ें:
नरेंद्र मोदी करेंगे दो दिवसीय लाओस यात्रा!
चाय में थूंकने वाले फरार नौशाद और हसन अली गिरफ्तार !
गौरतलब है की ब्रिटेन जैसे विकसित कहे जाने वाले देशों में भी मुस्लिम ग्रूमिंग गैंग्स का षड्यंत्र बहुत बड़ा है। कहा जाता है, की नाबालिग लड़कियों को लक्ष्य कर उन्हें प्यार के जाल में फंसाया जाता है। जहां धीरे धीरे इस्लामी तौर तरीके सीखा कर उनसे यौन संबंध भी बनाए जाते है, साथ ही उन्हें शादी करने के लिए इस्लाम कबुलवाया जाता है। बता दें, समाज में नाबालिग लड़कियां ऐसे लोगों के लिए आसान लक्ष्य होती है, उन्हें प्रेम और छल के बीच का अंतर समझने से पहले अपराधी अपने षड्यंत्र को अंजाम दे चुके होते है।