तीन हिंदू परिवारों की निर्मम हत्या? बांग्लादेश में नरसंहार की भयानक हकीकत !

बांग्लादेश में एक हिंदू परिवार की हत्या कर दी गई है। दावे को जातिगत एंगल से शेयर किया जा रहा है| जांच के बाद पता चला कि पोस्ट भ्रामक थी और मामले में आरोपी पीड़ित विकास सरकार का भतीजा रिजेब भौमिक है|हम विस्तार से जानेंगे कि आखिर ये मामला क्या है और इसमें क्या तथ्य हैं|

तीन हिंदू परिवारों की निर्मम हत्या? बांग्लादेश में नरसंहार की भयानक हकीकत !

Brutal murder of three Hindu families? The terrible reality of genocide in Bangladesh!

लाइटहाउस जर्नलिज्म को ‘X’ पर व्यापक रूप से साझा की जा रही तस्वीरों का एक कोलाज मिला है। इन तस्वीरों को यह दावा करते हुए शेयर किया गया था कि बांग्लादेश में एक हिंदू परिवार की हत्या कर दी गई है। दावे को जातिगत एंगल से शेयर किया जा रहा है| जांच के बाद पता चला कि पोस्ट भ्रामक थी और मामले में आरोपी पीड़ित विकास सरकार का भतीजा रिजेब भौमिक है|

हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत इस घटना से जुड़ी खबर की पड़ताल से की| पोस्ट में ‘विकास सरकार और स्वर्ण रानी सरकार’ नाम था। फिर हमने इन नामों को गूगल पर सर्च किया। ‘स्वर्ण रानी सरकार’ नाम से हमें thedailystar.net पर एक खबर मिली।

समाचार में बताया गया: पीड़ित परोमिता सरकार तुशी (15) और उसके माता-पिता विकास सरकार और स्वर्ण रानी सरकार के शव को बरामद किए गए। पुलिस ने आशंका जताई है कि उसकी हत्या दो दिन पहले की गई है|गिरफ्तार राजीव भौमिक (35) विकास का भतीजा है, जिसने पैसे के विवाद में हत्या करने का दावा किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है: राजीव कुमार भौमिक ने सिराजगंज जिले के तराश उप जिला में अपने चाचा विकास चंद्र सरकार, चाची स्वर्ण रानी सरकार और चचेरी बहन तुशी सरकार की हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि चाचा द्वारा भतीजे से बकाया पैसे मांगने पर विवाद हुआ।यह रिपोर्ट 31 जनवरी 2024 को अपलोड की गई थी|हमें बंगाली भाषा में भी कुछ रिपोर्ट्स मिलीं।

पड़ताल के अगले चरण में हमने बांग्लादेश के फैक्ट चेकर तौसीफ अकबर से संपर्क किया।उन्होंने पुष्टि की कि घटना में कोई जातिगत कोण नहीं था।तौसीफ ने कहा कि हत्या का आरोपी पीड़िता का रिश्तेदार था और उसी धर्म का था|तौसीफ ने हमें एक वीडियो न्यूज़ रिपोर्ट भी भेजी|बांग्लादेश में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की उनके ही रिश्तेदारों ने बेरहमी से हत्या कर दी।इस तिहरे हत्याकांड को जातिगत एंगल देने वाले भ्रामक दावे भारत में व्यापक रूप से प्रसारित किए जा रहे हैं।

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