15 महीने से जारी इजरायल-हमास दरम्यान के भीषण युद्ध को रोककर संघर्ष विराम को लेकर इजरायल ने सहमती जताई है। कतर की राजधानी दोहा में कई हफ्तों की बातचीत के बाद दोनों देशों ने संघर्ष विराम का फैसला लिया है। शुरुवाती समझौते के तहत छह सप्ताह के लिए युद्ध को रोका जा रहा है। इसके बाद पूर्ण युद्ध विराम पर चर्चा की जाएगी। वहीं अमेरिका और UN की ओर से सीजफायर के निर्णय का स्वागत हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंंटोनियो गुटेरस ने सीजफायर के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि ‘मैं गाजा में युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करता हूं।’ साथ ही महासचिव गुटरस ने इस समझौते में मध्यस्थता करने वाले देश- मिस्र, कतर और अमेरिका के प्रयासों की भी सराहना की है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इजरायल-हमास के बीच सीजफायर की डील पर प्रतिक्रिया दी है। ओबामा ने एक्स अकाउंट के जरिए पोस्ट कर लिखा, इजराइल और हमास के बीच घोषित युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई का समझौता अच्छी खबर है। बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों के लिए, उन फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए जो एक साल से अधिक समय से पीड़ित हैं, और उन सभी के लिए जिन्होंने इस भयानक अध्याय के अंत के लिए प्रार्थना की है। पश्चिम एशिया में शांति समझौते को एक सकारात्मक कदम है।
भारत ने भी गुरुवार (16 जनवरी) को इजरायल और हमास के बीच हाल ही में घोषित युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई के समझौते के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, विदेश मंत्रालय (एमईए) ने इस उम्मीद पर जोर दिया कि यह समझौता गाजा में मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति को सुगम बनाएगा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्ध विराम के लिए समझौते की घोषणा का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे गाजा के लोगों को मानवीय सहायता की सुरक्षित और निरंतर आपूर्ति हो सकेगी।”
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दोहा में दोनों देशों की ओर से शामिल प्रतिनिधित्व के बीच कई बैठकें हुई, जिसके नतीजें में शुरुवाती सीजफायर का निर्णय लिया गया है, गाजा में युद्ध विराम पर सहमति बनी है। दोनों पक्षों के बीच होने वाले समझौते में हमास की ओर से क्रम दर क्रम बंधकों की रिहाई, इजरायल ने गिरफ्तार किए सैकड़ों “फिलिस्तीनी कैदियों” की रिहाई के साथ गाजा से विस्थापित हजारों लोगों को वापस लौटने की अनुमति देना शामिल है।
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