मंगलवार को अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए विदेश मंत्रालय को अहम निर्देश जारी किए हैं।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि दुबई स्थित भारतीय दूतावास हिरासत में लिए गए विक्रांत जेटली के लिए स्थानीय रूप से मान्यता प्राप्त वकीलों और लॉ फर्मों की एक सूची तैयार करेगा और उसे अदालत में पेश करेगा।
अदालत ने अगली सुनवाई 22 जनवरी को निर्धारित की है।
यह मामला सेलिना जेटली और उनके परिवार के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। सेलिना के भाई, मेजर (रिटायर्ड) विक्रांत कुमार जेटली 2016 से दुबई में रह रहे हैं और सितंबर 2024 से वह एक राष्ट्रीय सुरक्षा मामले में हिरासत में हैं।
सेलिना ने बताया कि उनके भाई को बिना किसी कानूनी प्रतिनिधित्व या चिकित्सा सुविधा के रखा गया और पिछले 15 महीनों से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया।
सेलिना जेटली ने अपनी याचिका में बताया कि विदेश मंत्रालय उनकी मदद करने में काफी समय से विफल रहा है। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि उनके भाई को प्रभावी कानूनी सुविधा, बुनियादी सुविधा और कम्युनिकेशन मुहैया कराया जाए।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह निर्देश देकर भारतीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की कि वे दुबई में विक्रांत तक पहुंच बनाने के लिए तुरंत कदम उठाएं।
भारत-अमेरिका आर्थिक रिश्ते मजबूत करने को व्यापार समझौता जरूरी: केशप!
