चैंपियंस ट्रॉफी: पूर्व कोच रवि शास्त्री ने किया आगाह, न्यूजीलैंड की चुनौती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता!

शास्त्री ने यह भी भविष्यवाणी की कि अगर भारत या न्यूजीलैंड में से कोई भी टीम खिताब जीतती है, तो विराट कोहली, केन विलियमसन और रचिन रवींद्र जैसे खिलाड़ी अहम भूमिका निभाएंगे।

चैंपियंस ट्रॉफी: पूर्व कोच रवि शास्त्री ने किया आगाह, न्यूजीलैंड की चुनौती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता!

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भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल से पहले, पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम को सतर्क रहने की सलाह दी है, जो अपने तीसरे खिताब की तलाश में है। हालांकि भारत ने ग्रुप स्टेज में न्यूजीलैंड को हराया था और अब तक टूर्नामेंट में अपराजित रहा है, लेकिन शास्त्री का मानना है कि न्यूजीलैंड ही एकमात्र टीम है जो भारत को मात दे सकती है। पिछले कुछ वर्षों में आईसीसी नॉकआउट मुकाबलों में न्यूजीलैंड ने भारत को तीन बार हराया है, जिससे उनकी चुनौती को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

आईसीसी रिव्यू में बातचीत के दौरान शास्त्री ने कहा, “अगर कोई टीम भारत को हरा सकती है, तो वह न्यूजीलैंड है। भारत फेवरेट जरूर है, लेकिन बहुत मामूली अंतर से।” फाइनल के संभावित “प्लेयर ऑफ द मैच” को लेकर शास्त्री ने तीन ऑलराउंडरों – भारत के रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल, तथा न्यूजीलैंड के ग्लेन फिलिप्स को चुना।

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि प्लेयर ऑफ द मैच कोई ऑलराउंडर होगा। भारत के लिए मैं जडेजा या अक्षर को चुनूंगा, जबकि न्यूजीलैंड के लिए ग्लेन फिलिप्स खतरनाक साबित हो सकते हैं। वह शानदार फील्डिंग के साथ 40-50 रन की पारी खेल सकते हैं और गेंद से एक-दो विकेट लेकर मैच का रुख बदल सकते हैं।”

शास्त्री ने यह भी भविष्यवाणी की कि अगर भारत या न्यूजीलैंड में से कोई भी टीम खिताब जीतती है, तो विराट कोहली, केन विलियमसन और रचिन रवींद्र जैसे खिलाड़ी अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा, “कोहली और विलियमसन जब फॉर्म में होते हैं और शुरुआती 10 रन बना लेते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता है। रचिन रवींद्र भी शानदार युवा खिलाड़ी हैं, जिन्होंने इस टूर्नामेंट में दो शतक जड़े हैं, जिसमें से एक सेमीफाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच प्रदर्शन भी शामिल है।”

दुबई की स्पिन-अनुकूल पिच को देखते हुए शास्त्री से संभावित टीम बदलावों पर सवाल किया गया। उन्होंने कहा, “अगर पिच की प्रकृति के आधार पर कोई बदलाव होता है, तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा। पिछली बार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमने सबसे बेहतरीन विकेट देखा था, और ग्राउंड्समैन को अब सतह तैयार करने के लिए पांच दिन मिले हैं। अगर पिच 280-300 रन की बनती है, तो टीमें अपनी रणनीति को फिर से सोच सकती हैं। लेकिन जब तक जरूरत न हो, तब तक प्लेइंग इलेवन में बदलाव करना सही नहीं होगा।”

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